कब है गणेश जी का विसर्जन ? क्या पंचक में कर सकते है पूजन
कब है गणेश जी का विसर्जन ? क्या पंचक में कर सकते है पूजन
गणेशोत्सव 17 सितंबर को संपन्न हो जाएगा। इस दिन भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी यानी मंगलवार को अनंत चतुर्दशी के दिन लोग घरों और पंडालों में स्थापित गणपति बप्पा को धूमधाम से विदाई देंगे।
गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश जी की स्थापना के साथ देश भर में गणेशोत्सव की शुरुआत होती है। लोग गणेश प्रतिमा स्थापित करते हैं और पूजा करते हैं। इस पूजा का समापन गणेश प्रतिमा विसर्जन के साथ हो जाता है। जिस दिन बप्पा की विदाई होती है उस दिन अनंत चतुर्दशी होती है। गणपति विसर्जन आने के पूर्व से लोगों के मन में पंचक को ले कर अनेकों सवाल होते है जिसका समाधान के लिए हमनें ज्योतिष आचार्य से इस बारे में जाना बहुतायत में यह धारणा जगह बना चुकी है कि पंचक लगने से पहले ही हवन-पूजन कर विसर्जन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए। पंचक में भगवान श्रीगणेश सहित अन्य किसी देवता की प्रतिमा का विसर्जन अशुभ नहीं होता। बल्कि आम लोगों के बीच यह धारणा बन चुकी है कि पंचक लगने के पहले ही विसर्जन की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से पूरा कर लिया जाए। प. ज्योतिष आचार्य वी.शास्त्री ने बताया कि शास्त्रों में पंचक के दौरान शुभ कार्य के लिए कहीं भी निषेध का वर्णन नहीं है। कुछ कार्यों में ही इसके विचार की बात कही गई है।
पंचक के समय वर्जित कार्यो के बारे में विस्तार से प. विवेक पांडेय बताते है की “आम जन समुदाय में यह भ्रान्ति है की पंचक में कोई भी शुभ काम नहीं होता है जबकि पंचक में केवल पांच कार्य जो वर्जित होते है मृतक शरीर के दाह संस्कार,खटिया बुनना,चरखा चलाना,छत का निर्माण या स्लेप डालना,ईंधन की लकड़ी खरीदना या गैस खरीदना बाकि सब काम पंचक में किए जा सकते है गरुण पुराण, प्रेत मंजरी एव धर्मसिंधु पुराण में यह वर्णित है ” – प .विवेक पांडेय वनगांव
अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जन का मुहूर्त
आइये जानते हैं गणेश विसर्जन मुहूर्त –प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – सुबह 09:11 – दोपहर 01:47
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – दोपहर 03:19 – शाम 04:51
सायाह्न मुहूर्त (लाभ) – रात 07:51 – रात 09:19
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) – रात 10:47 – 18सितम्बर सुबह 03:12, तक विसर्जन के लिए उत्तम समय है इस समय आप विधि विधान से बप्पा की विदाई कर सकते है।