WhatsApp मैसेज भेजकर मेडिकल कॉलेज ने दिव्यांग छात्रा को बताया अपात्र, HC ने दिए ये आदेश

बिलासपुर
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाई कोर्ट में एक दिव्यांग छात्रा ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ याचिका दायर की थी. सिम्स बिलासपुर प्रबंधन ने वाट्सएप मैसेज कर छात्रा को एडमिशन के लिए अपात्र बताया था. इसके खिलाफ ही छात्रा की हाई कोर्ट बिलासपुर में दायर याचिका पर कोर्ट ने कॉलेज प्रबंधन को आदेश दिए हैं. कोर्ट ने इसी सत्र में छात्र को एडमिशन देने के आदेश जारी किए हैं. इस आदेश के बाद अब छात्रा को सिम्स बिलासपुर में एडमिशन मिल सकेगा.

बिलासपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के डिवीजन बैंच ने नियमों और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के तहत कॉलेज प्रबंधन को आदेश दिए हैं. इसमें कोर्ट ने कहा है कि छात्रा के ओबीसी और दिव्यांग श्रेणी में मेरिट आने के कारण उसे एडमिशन देने से इंकार नहीं किया जा सकता. याचिका मंजूर करते हुए हाई कोर्ट ने छात्रा को ऐसी सत्र में ही एमबीबीएस प्रथम वर्ष में एडमिशन देने के आदेश दिए हैं. मिली जानकारी के अनुसार सिम्स प्रबंधन कोर्ट के सामने तथ्यात्मक तर्क नहीं दे सका. इसके चलते भी छात्रा को राहत मिली.

बता दें कि बिलासपुर के उसलापुर में रहने वाली छात्रा ने मई 2019 में हुए नीट दिया था. छात्रा ओबीसी वर्ग की होने के साथ ही दिव्यांग भी है. नीट में मिले अंकों के आधार पर उसका चयन सिम्म में दाखिले के लिए हुआ, लेकिन एक दिन अचानक प्रबंधन ने वाट्सएप पर मैसेज कर उसे दाखिले के लिए अयोग्य बता दिया. इसके खिलाफ छात्रा ने हाई कोर्ट बिलासपुर में याचिका दायर की थी. इस याचिका पर ही उसे सफलता मिली और कोर्ट ने उसके पक्ष में ही आदेश जारी किया है.

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