SIP म्यूचुअल फंडों में होने वाला निवेश 11 माह के निचले स्तर पर
नई दिल्ली
कोरोना संकट काल में सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (सिप) में लोगों की दिलचस्पी कम हुई है. ताजा आंकड़े बताते हैं कि मई में सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान में निवेश 8,123 करोड़ रुपये रहा. यह पिछले 11 महीने में सबसे कम है. हालांकि, यह लगातार 18वां महीना था, जब निवेश में निवेश 8,000 करोड़ रुपये से ऊपर बना रहा.
जून 2019 के बाद सबसे कम
भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (एम्फी) ने बताया कि मई 2020 में सिप निवेश, जून 2019 के बाद सबसे कम था. इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश, जो मुख्य रूप से सिप पर निर्भर है, मई में 5,256 करोड़ रुपये रहा. यह पांच महीने में सबसे कम है. बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव और आर्थिक अनिश्चितता के माहौल के चलते सिप में निवेश कम रहा. सिप अभी भी खुदरा निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने का पसंदीदा तरीका बना हुआ है.
म्यूचुअल फंड के आंकड़े
बीते दिनों इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड योजनाओं के आंकड़े भी जारी हुए थे. इन आंकड़ों में भी गिरावट देखने को मिली थी. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड योजनाओं में 27 फीसदी कम निवेश हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक बीते वर्ष निवेशकों ने 81,600 करोड़ रुपये का निवेश किया. यह वित्त वर्ष 2018-19 में किये गए 1.12 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 27 प्रतिशत कम है.
एसआईपी क्या है?
निवेशकों के बीच सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान यानी सिप काफी पसंदीदा माध्यम है. सिप एक निश्चित रकम नियमित रूप से म्यूचुअल फंड की किसी स्कीम में निवेश करने की सुविधा देता है. म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत 500 रुपये महीने से की जा सकती है. लगातार निवेश से बड़ा फंड बनाया जा सकता है. इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसके लिए मार्केट पर बहुत ज्यादा फोकस नहीं करना पड़ता. कोई भी निवेशक हर महीने या तीन महीने पर पहले से तय राशि को जमा कर सकता है. पहले से सुनिश्वित तारीख को ऑनलाइन पैसे कट जाते हैं.