RERA ने नोएडा के अरण्या हाउसिंग प्रॉजेक्ट का रजिस्ट्रेशन रद्द किया, सैंकड़ों बायर्स प्रभावित

 नोएडा 
उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने नोएडा सेक्टर 119 स्थित उन्नति फॉर्च्यून के अरण्या हाउसिंग प्रॉजेक्ट का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। दावा किया जा रहा है कि यह पहला हाउसिंग प्रॉजेक्ट है जिसे डि-रजिस्टर कर दिया गया है। रेरा के इस कदम से कोई 2,000 फ्लैट बायर्स प्रभावित होंगे जो कि पिछले 3-5 साल से अपने ड्रीम होम के पजेशन का इंतजार कर रहे हैं।  
 
देश भर के डिफॉल्ट बिल्डर्स के खिलाफ रेरा जहां कई कदम उठा रहा, ऐसे में संभवतः यह भारत का पहला प्रॉजेक्ट है जिसे डि-रजिस्टर कर दिया गया है। हालांकि, यूपी-रेरा के दावे की पुष्टि नहीं हो पाई है। रेरा ऐक्ट की धारा 7 के तहत अरण्या फेज 3,4 और 5 का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। डिवेलपर ने रेरा की नोटिस पर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया था। इस परियोजना को 1500 करोड़ से अधिक की लागत पर 2007 में शुरू किया गया था। 

अधिकारियों ने बताया कि उन्नति फॉर्च्यून द्वारा विभिन्न प्रकार की वित्तीय अनिमियतता करती पाई जाने के बाद नोटिस भेजी गई थी। रेरा चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा, 'उन्हें तीन महीने पहले ही कड़ी चेतावनी दी गई थी, यह फैसला तब किया गया है जब हमने उन्हें लगातार नोटिस के बाद जवाब के लिए उचित समय दिया था। यह कदम दूसरे बिल्डर्स को भी चेतावनी के रूप में देखना चाहिए।' 

अथॉरिटी आगे क्या करेगी इस सवाल पर यूपी-रेरा सेक्रटरी अबरार अहमद ने कहा कि पंजीकरण रद्द करने के बाद अथॉरिटी के पास कई विकल्प हैं, पहले बायर्स को इस परियोजना को पूरा करने का अधिकार दिया जाएगा, अगर वे सभी साथ मिलकर इस परियोजना को पूरा नहीं कर पाते, तो हम इसे सुपरवाइज करने का मेकनिजम तैयार करेंगे। इस कदम पर यूपी रेरा के एक सदस्य बलविंदर कुमार ने कहा, 'पहली बार ऐसी कोई पहल की गई है।' 

उधर, फ्लैट विक्रेताओं का कहना है कि वे प्रॉजेक्ट के पूरा होने का इंतजार कर रहे थे। एक बायर रजत शर्मा ने कहा, 'अरण्या फेज 1 और 2 अपार्टमेंट के बायर्स ने पूरा पैसा दे दिया है और फेज 3,4 और 5 के बायर्स ने अभी सिर्फ 20 प्रतिशत हिस्सा ही दिया है, इसलिए अगर नए डिवेलपर इसमें शामिल किए जाते हैं, तो यह परियोजना पूरी हो सकती है।' 

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