RBI से सरकार को फंड, कांग्रेस बोली- देश को इकोनॉमिक इमरजेंसी में धकेला
नई दिल्ली
रिजर्व बैंक द्वारा सरकार को भारी सरप्लस राशि देने के निर्णय की सख्त आलोचना करते हुए कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार ने देश को आर्थिक आपातकाल में धकेल दिया है. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार के दबाव में रिजर्व बैंक ने अपनी सीमा क्रॉस की है और इसका परिणाम भयावह हो सकता है. कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था के हालात पर एक हफ्ते के भीतर श्वेतपत्र लाने की मांग की है.
खतरे की घंटी है रिजर्व बैंक का निर्णय
आनंद शर्मा ने कहा, 'रिजर्व बैंक के समूचे सरप्लस को एक बार में ही सरकार को देने का निर्णय लिया गया है. इसमें पिछले एक साल की रिजर्व बैंक की आय भी शामिल है. बेरोजगारी चरम पर है. देश का निर्यात पांच साल पहले के स्तर पर है, सरकार के पास निवेश करने को पैसा नहीं, बैंकों के पास कर्ज देने को रकम नहीं. ऐसे में रिजर्व बैंक ने ऐसा निर्णय लिया जो खतरे की घंटी है. रिजर्व बैंक के बोर्ड ने सरकार के दबाव में यह निर्णय लिया है.'
अर्जेंटीना से लें सबक
आनंद शर्मा ने कहा कि रिजर्व बैंक ने कॉन्टिजेंसी फंड की सीमा में बदलाव करने का निर्णय लिया है. ये आपातकाल के लिए था, जब 2008 में मंदी आई थी तो हमारे पास इस तरह का पर्याप्त फंड होने से देश को संभाला जा सका था. उन्होंने कहा, 'तमाम कमेटियों ने पहले कॉन्टिजेंसी फंड 8 से 12 फीसदी रखने को कहा था, लेकिन रिजर्व बैंक ने इसे घटाकर 6.4 फीसदी तक कर दिया था. अब इसे घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया गया है. इसे डेंजर मार्क से नीचे लाया गया है.'