PM लेवल 360 के बहुत ही खतरनाक स्तर पर, दिवाली के पटाखों से धुआं-धुआं दिल्ली

 
नई दिल्ली 

दिल्ली में ग्रीन दिवाली के आह्वान के बीच दिवाली के अगले दिन हवा में प्रदूषण के स्तर में कोई कमी नहीं आई. हर बार की तरह इस बार भी दिवाली के बाद हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया. कुछ जगहों पर प्रदूषण का स्तर सामान्य तो कहीं बेहद ज्यादा रहा. दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में जलाए गए पटाखों का असर साफ तौर पर देर रात को नजर आया. दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पीएम10 और पीएम 2.5 लेवल 950 तक पहुंच गया.

दिवाली के अगले दिन सुबह होते ही यह आंकड़ा एक बार फिर पहले के स्तर पर आ गए. देर रात के वक्त आईटीओ इलाके में पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर 900 तक पहुंचा, वहीं सुबह के वक्त यह आंकड़ा 255 स्तर पर भी पहुंचा. 255 भी प्रदूषण के लिहाज से खतरनाक स्थिति है.

आज सुबह 7 बजे का स्तर

आनंद विहार 358 बेहद खराब

आईटीओ 347 बेहद खराब

जहांगीरपुरी 360 बेहद खराब

द्वारका 350 बेहद खराब

नॉर्थ कैंपस 328 बेहद खराब

लोढ़ी रोड 348 बेहद खराब

 दिवाली की रात 11 बजे लोदी रोड पर हवा स्तर

जबकि लोदी रोड इलाके में रात के वक्त प्रदूषण का स्तर 250 से 280 स्तर पर था. सुबह होते ही यह स्तर 500 तक पहुंच गया. दिल्ली में पिछली रात ओवरऑल वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 306 था जो बेहद खराब कैटेगरी में आता है.
 
दिल्ली की तुलना में मुंबई में दिवाली के बाद अगले दिन हवा का स्तर अच्छा रहा. मुंबई में हाजी अली क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर 50 से कम है जिसका अर्थ है कि वहां हवा का स्तर 'अच्छा' है.
 
इससे पहले दिवाली से एक दिन पहले ही भी राजधानी दिल्ली और एनसीआर में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई थी. दिल्ली की कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शनिवार सुबह करीब 10 बजे आठ बजे तक 305 दर्ज किया गया.
 
कैसे मापते हैं AIQ का स्तर

बता दें कि एक्यूआई 0 से 50 के बीच अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 मध्यम, 201 से 300 खराब, 301 से 400 तक बेहद खराब और 401 से 500 के बीच खतरनाक माना जाता है. दिल्ली में हवा की क्वालिटी लगातार बिगड़ने का मुख्य कारण हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब के इलाकों में पराली जलाना भी है.

30 तक निर्माण कार्य पर रोक

दिवाली से पहले हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंचने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अधिकृत संस्था ईपीसीए ने पिछल हफ्ते निर्देश दिया था कि राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के शहरों में 26 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध रहेगा.

दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) के अध्यक्ष भूरे लाल ने फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत और बहादुरगढ़ में कोयला आधारित उद्योगों, बिजली संयंत्रों को बंद करने का निर्देश जारी किया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *