PM मोदी बोले- स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में आएंगे बदलाव

नई दिल्ली।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा आज 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत घोषित 20 लाख रुपए के आर्थिक पैकेज को लेकर अंतिम घोषणा कर दी गई। बीते चार दिनों में उन्होंने लगातार इसका लेखा-जोखा देश की जनता के समक्ष रखा। आज की घोषणाओं में स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर कई अहम बातें कही गईं। इसकी सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज वित्त मंत्री द्वारा घोषित उपायों और सुधारों का देश के स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा। वे उद्यमिता को बढ़ावा देंगे, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों की मदद करेंगे और गांव की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करेंगे। राज्यों को भी इसका फायदा मिलेगा।

मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपए का आवंटन बढ़ाया गया
गांव जा रहे प्रवासी मजदूरों को काम मिल सके। ग्रामीण क्षेत्रों में काम की कमी ना आए और आमदनी का साधन मिले इसके लिए 40 हजार करोड़ रुपए का अधिक आवंटन किया जा रहा है। इससे 300 करोड़ व्यक्ति कार्यदिवस उत्पन्न होंगे।
 
5,771 लोग इस बारे में बात कर रहे हैं
कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज की पांचवी किस्त के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सात बड़ी घोषणाएं कीं। मनरेगा, स्वास्थ्य, शिक्षा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, निजीकरण,  राज्य सरकारों को मदद के रूप में 7 अहम ऐलान किए गए। 

पीएम ई विद्या प्रोगाम की शुरुआत 
मल्टीमोड एक्सेस डिजिटल/ऑनलाइन के जरिए पढ़ाई के लिए पीएम ई विद्या योजना की शुरुआत की जाएगी। दीक्षा- स्कूल एजुकेशन के लिए ई-कॉन्टेंट और क्वी आर कोड से जुड़े किताब उपलब्ध कराए जाएंगे। इसका नाम होगा वन नेशन वन डिजिटल प्लैटफॉर्म होगा। हर क्लास के बच्चों की पढ़ाई के लिए अलग टीवी चैनल होगा, वन क्लास वन चैनल योजना के जरिए। रेडियो, कम्युनिटी रेडियो और पॉडकास्ट का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा। द्वियांगों के लिए भी सामग्री तैयार की जाएगी ताकि वे भी ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें। अधिकतर बच्चों का समय टीवी और स्मार्टफोन के सामने गुजर रहा है। गतिविधियां कम हो गई हैं। घर से बाहर निकलना कम हो गया है। उनके मेंटल हेल्थ  और साइकलॉजी सपॉर्ट के लिए मनोदर्पण की शुरुआत की जाएगी।  

जनस्वास्थ्य क्षेत्र के लिए घोषणा
जनस्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश बढ़ाया जाएगा। इसके लिए रिफॉर्म्स किए जाएंगे। ग्रामीण स्तर पर ऐसी सुविधाएं देने की आवश्यकता है जो महामारी की स्थिति में लड़ने की क्षमता हो। इसके लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश बढ़ाया जाएगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में वेलनेस सेंटरों को बढ़ावा दिया जाए। सभी जिला स्तर के अस्पतालों में संक्रामक रोगों से लड़ने की व्यवस्था  की जाएगी। लैब नेटवर्क मजबूत किए जाएंगे। सभी जिलों में प्रखंडस्तर पर एकीकृत लैब बनाए जाएंगे। 

 

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