PM मोदी के लिए बड़ी चुनौती होंगी 3 महिलाएं?

लखनऊ 
2019 के आम चुनाव की जमीन तैयार होने लगी है। कांग्रेस ने भी प्रियंका गांधी को राष्ट्रीय महासचिव बनाकर और महत्वपूर्ण पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी देकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। उधर दो अन्य दिग्गज महिला नेता भी इस चुनाव में चुनौती देने के लिए तैयार हैं। ये हैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती। ये दोनों भी मोदी और एनडीए गठबंधन को सत्ता से हटाने के लिए एकजुट होते दिख रहे हैं, हालांकि अभी कोई औपचारिक ऐलान होना बाकी है। 

बीजेपी छोड़ चुके वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा कहते हैं, 'विपक्ष के पास बीजेपी से ज्यादा मजबूत महिला नेतृत्व है। जनता अगले आम चुनाव में इस नेतृत्व को वोट करेगी और खासतौर पर महिलाओं का समर्थन मिलेगा।' उन्होंने कहा, 'बीजेपी के लिए यह परेशान होने का वक्त है, खासतौर पर तीन हिंदीभाषी राज्यों के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद।' 

प्रियंका की राजनीति में औपचारिक एंट्री पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मानाया था। तमाम वरिष्ठ नेताओं ने इसे स्वागतयोग्य फैसला बताया है। हालांकि मायावती और ममता के पास प्रियंका से कहीं ज्यादा अनुभव है और माना जा रहा है कि दोनों अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद का चेहरा हो सकती हैं। 

ममता और मायावती के साथ आने पर अब भी शंका

मायावती ने जहां उत्तर प्रदेश में अपने सबसे बड़े विरोधी दल समाजवादी पार्टी से पुरानी 'दुश्मनी' भुलाकर गठबंधन किया, वहीं दूसरी ओर ममता ने पिछले महीने ही कोलकाता में संयुक्त विपक्ष रैली का आयोजन किया था। जिसमें लगभग सभी बड़े विपक्षी दलों के नेता या उनके प्रतिनिधि पहुंचे थे। हालांकि ममता की इस रैली में खुद बीएसपी सुप्रीमो मायावती के ना आने और अपनी जगह अपने प्रतिनिधि सतीश चंद्र मिश्रा को भेजने पर कई तरह के कयास भी लगे। 

महिलाओं के पास मोदी से नाराज होने का कोई बड़ा कारण नहीं
ऑपिनियन पोल जहां आज भी मोदी को देश का सबसे लोकप्रिय नेता बताते हैं, वहीं कई ऐसी महिलाओं के हित की योजनाएं हैं जो मोदी सरकार ने ही शुरू कीं। मोदी सरकार ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का नारा दिया, उज्ज्वला योजना के जरिए ऐसे करोड़ों घरों में मुफ्त गैस कनेक्शन पहुंचाए, जहां आज तक महिलाएं चूल्हे पर खाना पकाती थीं। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने लाखों शौचालयों से भी सबसे ज्यादा महिलाओं को ही लाभ हुआ है। मोदी की 26 सदस्यीय कैबिनेट में छह महिलाएं हैं और सबसे महत्वपूर्ण पांच सदस्यीय कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी में भी दो महिलाएं (विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण) हैं। 

'प्रियंका की एंट्री भले ही नई, मगर अनुभव पुराना'
कांग्रेस परिवार के करीबी नेताओं की मानें तो प्रियंका महिलाओं, युवाओं और फर्स्ट टाइम वोटर्स को लुभा सकती हैं। प्रियंका की औपचारिक एंट्री भले ही 2019 में हुई हो, लेकिन वह पिछले करीब 20 सालों से अपने भाई राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्रों अमेठी और रायबरेली में चुनाव प्रचार के दौरान अहम भूमिका निभाती आई हैं। 

प्रियंका गांधी

बीएसपी प्रवक्ता सुधींद्र भदौरिया ने कहा कि मायावती का महिला होना कभी उनकी नेतृत्व क्षमता के आड़े नहीं आया। उन्होंने कहा, 'मायावती ने पार्टी को जमीन से उठाकर इस मुकाम तक पहुंचाया है। महत्वपूर्ण बात है कि उन्होंने महिलाओं, दलितों, पिछड़ी जातियों को एकजुट किया है। वह एक राष्ट्रीय नेता हैं।' 

ममता बनर्जी वही नेता हैं, जिन्होंने 34 साल पुरानी वामपंथी सरकार को 2011 के विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल से उखाड़ फेंका था। वह अपनी सादगी और तेज-तर्रार राजनीतिक लहजे से अलग पहचान बनाती हैं। वह अकसर बीजेपी पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाकर देश में एक सेक्युलर सरकार की जरूरत पर जोर देती रहती हैं। 

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