PM मोदी की अपील का ऐसा असर हुआ कि शुगर मिल में अब बन रहा है सेनेटाइजर

बड़वानी
बदलते वक्त के साथ बहुत कुछ बदल गया. कोरोना (corona) की मार और लॉकडाउन (lockdown) के कारण जिस कारखाने में कभी शक्कर (sugar) बनती थी वहां अब सेनेटाइजर बन रहा है. ये प्रयोग बड़वानी में किया गया जो सफल भी रहा. अब इस शुगर मिल में रोज 5 हजार लीटर सेनेटाइजर बनाया जा रहा है. ये बाजार दाम से काफी सस्ता है और इस काम में लोकल लोगों को रोज़गार भी मिल गया है.

बड़वानी जिले की एक बेहद पुरानी या कहें सबसे पुरानी शुगर मिल में से एक है दुर्गा शक्कर कारखाना. इस खांडसारी में शक्कर बनायी जाती थी. इसमें बड़वानी जिले के साथ साथ महाराष्ट्र के किसान भी अपना गन्ना लेकर आते थे और दोनों प्रदेशों के लोगों को यहां काम मिला हुआ था.लेकिन कोरोना से सब उलट-पुलट कर दिया. मिल बंद करना पड़ी मज़दूर चले गए. उत्पादन बंद हो गया.

इस बीच पीएम मोदी ने देश की जनता से लोकल काम और उत्पादन की अपील की.शुगर मिल मालिक को पीएम की ये बात अपील कर गयी. उन्होंने शक्कर बनाने वाले इस कारखाने में वक्त की ज़रूरत के हिसाब से सेनेटाइजर बनाने का फैसला कर लिया.

दुर्गा खांडसारी में मोलसीस से एथेनाल बनाया और एथेनाल के फर्मेंटेशन की प्रक्रिया के बाद उसमें कुछ मानक पदार्थ मिलाकर सेनेटाइजर बनाया गया. प्रयोग सफल रहा. सेनेटाइजर का उत्पादन WHO द्वारा निर्धारित मापदंड के आधार पर हो रहा है. यहां तैयार सेनेटाइजर लैब में टेस्ट कर क्वालिटी और मानक स्तर पर खरा उतरा. बस उसके बाद अब इसे बिक्री के लिए मार्केट में सप्लाई किया जा रहा है.

शुगर मिल मालिक कोरोना संकट के इस दौर में अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी भी निभा रहे हैं. वो यहां बनाया जा रहा सेनेटाइजर ज़िले के सामाजिक संगठनों, पुलिस और स्वस्थ्यकर्मियों को फ्री में उपलब्ध करा रहे हैं. इस देसी सेनेटाइजर की कीमत मार्केट रेट से आधी है. मार्केट में 100 रुपए में 100 ML सेनेटाइजर की बोतल मिल रही है. लेकिन दुर्गा खांडसारी 100 ML की बोतल सिर्फ 50 रुपए में उपलब्ध करा रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक कम कीमत में सेनेटाइजर आसानी से पहुंच जाए.

इस फैक्ट्री में तैयार सेनेटाइजर भोपाल, इंदौर सहित महाराष्ट्र में भी सप्लाई किया जा रहा है. इसका एक फायदा ये भी हुआ कि , सेनेटाइजर निर्माण यूनिट में 40 मजदूरों को रोजगार दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भरता वाली अपील यहां सार्थक की जा रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *