NH पर तैनात होंगे 1400 ऐंबुलेंस: गडकरी

नई दिल्ली
केंद्र सरकार का नया मोटर वीइकल ऐक्ट 1 सितंबर से लागू हो सकता है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को उम्मीद है कि इस ऐक्ट में नए-नए जुर्मानों के प्रावधान से यातायात नियमों का उल्लंघन रोकने में पहले से ज्यादा मदद मिलेगी। उन्होंने  बताया कि देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर 450 ऐंबुलेंस तैनात किए जाएंगे।

ज्यादा जुर्माने से डरेंगे लोगगडकरी ने कहा कि पहले लोग इसलिए यातायात नियमों को बहुत तवज्जो नहीं देते थे क्योंकि जुर्माने की रकम बहुत कम थी जिसका भुगतान करना बहुत कष्टदायी नहीं होता था। उन्होंने कहा कि मोटर वीइकल ऐक्ट में संशोधन कर जुर्मानों की रकम में कई गुना वृद्धि की गई है ताकि लोगों में यातायात नियमों के उल्लंघन को लेकर भय पैदा हो।

रोड सेफ्टी बोर्ड का होगा गठन
गडकरी ने बताया कि सरकार एक रोड सेफ्टी बोर्ड बनाने जा रही है। उन्होंने कहा, 'हमने दूसरी तरह की समस्याओं के समाधान के लिए भी कानून में कुछ प्रावधान किए हैं। हम एक रोड सेफ्टी बोर्ड बनाएंगे जो सड़क सुरक्षा के मामलों पर नजर रखेगा। यह रोड सेफ्टी को आमजन का आंदोलन बनाने में प्रमुख भूमिका अदा करेगा।'

सड़क सुरक्षा पर होगा भारी निवेश
गडकरी ने बताया कि सरकार सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए एशियन डिवेलपमेंट बैंक और वर्ल्ड बैंक से 14 हजार करोड़ रुपये की सहायता राशि ले रही है। वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर भी सरकार की नजर है। महानगरों और बड़े शहरों को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों में सड़कों पर सिग्नल सिस्टम नहीं होने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम (आईटीएस) के लिए बड़े निवेश की जरूरत है। लेकिन, इससे भी ज्यादा जरूरी है कि लोगों में नियमों के पालन की भावना जगे। उन्होंने कहा, 'हम स्थानीय संसद की देखरेख में हर जिले में एक-एक समिति बनाएंगे जो सड़क सुरक्षा की समीक्षा करती रहेगी।'

हर 50 कि.मी. पर एक ऐंबुलेंस का लक्ष्य
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस का एक ई-रजिस्टर बनाया जाएगा जिससे लोगों को कई ड्राइविंग लाइसेंस नहीं रखने होंगे। इससे भी यातायात अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, कई अन्य कदम एकसाथ उठाए जा रहे हैं। गडकरी ने कहा, 'राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) राष्ट्रीय राजमार्गों पर 450 ऐंबुलेंस तैनात किए जाएंगे। विचार यह है कि हर 50 किलोमीटर की दूरी पर एक ऐंबुलेंस तैनात हो।' उन्होंने माना कि अभी ऑटो सेक्टर अभी मंदी के दौर से गुजर रहा है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले तीन-चार महीनों में स्थिति सुधरेगी।

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