हिमाचल, उत्तराखंड में सैलाब, दिल्ली में बड़ी बाढ़ की आशंका

नई दिल्ली
हिमाचल प्रदेश में 70 साल की सबसे भीषण बाढ़ और उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से उफनते बरसाती नालों ने बड़ी तबाही मचाई है। दोनों राज्यों में बारिश और बाढ़ में कम से कम 31 जिंदगियां बह चुकी हैं, जबकि कई लोग लापता हैं। इन राज्यों की बारिश का असर अब राजधानी दिल्ली पर भी पड़ने की आशंका है। यमुना में जलस्तर बढ़ने के बाद हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से रविवार को 8.72 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसे सोमवार शाम तक दिल्ली पहुंच जाने की उम्मीद है। यमुना में इतना पानी अबतक नहीं छोड़ा गया था। 1978 में यमुना में सबसे बड़ी बाढ़ आई थी और तब हरियाणा से 7 लाख क्यूसेक ही पानी छोड़ा गया था। पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली सरकार अलर्ट है और निचले इलाकों से लोगों को हटाया जा रहा है।

बाढ़ को लेकर अलर्ट पर दिल्ली

प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए सुबह से ही यमुना किनारे के डूब प्रभावित इलाकों में मुनादी करवा के लोगों को जल्द से जल्द खाली करवाने का आदेश दिया गया है। इनमें सोनिया विहार, गीता कॉलोनी, मयूर विहार, डीएनडी, यमुना बाजार, कश्मीरी गेट, वजीराबाद, लोहे का पुल, आईटीओ, ओखला, जामिया और जैतपुर के आसपास के इलाके शामिल हैं। सोमवार को लोगों को टेंटों में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके लिए यमुना किनारे ही सुरक्षित स्थानों पर टेंट लगाए गए हैं। अभी करीब 1100 टेंट लगाए गए हैं और करीब 5 हजार लोगों की शिफ्टिंग और खाने-पीने का इंतजाम प्रशासन की तरफ से किया गया है। जरूरत पड़ने पर इसे और बढ़ाया जा सकता है। इन जगहों पर पीने के पानी के लिए टैंकर और मोबाइल टॉइलट्स का भी इंतजाम किया जा रहा है। साथ ही डॉक्टरों की टीमें भी सभी जगह तैनात की जा रही है।

निगरानी के लिए 44 बोट्स, 27 गोताखोर तैनात
इसके अलावा लोगों को डूबने से बचाने और यमुना के किनारों पर निगरानी रखने के लिए 44 बोट्स के साथ 27 गोताखोरों की टीमों को भी अलग-अलग लोकेशंस पर तैनात कर दिया गया है। इनमें 13 रिजर्व बोट्स भी शामिल हैं। सोमवार सुबह से अधिकारी खुद बोट में बैठकर यमुना के किनारों का इंस्पेक्शन शुरू कर देंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां चेतावनी के बाद भी कोई रह तो नहीं रहा है।

207.32 मीटर के पार जलस्‍तर पहुंचने की संभावना
हालांकि कुछ समय पहले ही दिल्ली में यमुना के जलस्तर का खतरे का लेवल को बदला गया है और अब यह 206 मीटर से ज्यादा हो गया है, लेकिन रविवार की शाम को जो पानी छोड़ा गया है, उसकी वजह से सोमवार दोपहर तक ही जलस्तर 207.32 मीटर के पार पहुंचने की संभावना है।

1978 में यमुना में सबसे बड़ी बाढ़ आई थी
अधिकारियों के अनुसार, रविवार की दोपहर 1 बजे तक यमुना जलस्तर 203.37 मीटर था, लेकिन शाम 5 बजे 8,14,397 क्यूसेक और उसके बाद 6 बजे 8.72 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की वजह से दिल्ली पर खतरा अचानक बढ़ गया है। 1978 में यमुना में सबसे बड़ी बाढ़ आई थी। उस वक्त हरियाणा से 7 लाख क्यूसेक के आसपास पानी छोड़ा गया था, जिसके चलते दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़कर 207.49 मीटर तक पहुंचा था। इसके चलते यमुना किनारे के इलाके ही नहीं, बल्कि मॉडल टाउन और जहांगीरपुरी में भी पानी पहुंच गया था।

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