MP में हुआ 500 करोड़ का दवा घोटाला, जांच में मिला विदेशी कनेक्शन

भोपाल
ईओडब्ल्यू (EOW) की जांच में मध्य प्रदेश में दवा खरीदी घोटाले (Drug Purchase Scam) का विदेशी कनेक्शन (Foreign Connection) सामने आया है. सूत्रों के मुताबिक घोटाले की करोड़ों की राशि को सबसे पहले विदेश में भेजा गया और बाद में एफडीआई (FDI) के जरिए राशि को भारत लगाया गया. ये पूरा खेल बोगस कंपनियों के जरिए हुआ है. फिलहाल बीजेपी (BJP) शासन में 2003 से 2010 के बीच हुए दवा खरीदी घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू कर रही है. इस मामले में प्राथमिक जांच रजिस्टर्ड भी की गई है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई चौंकाने वाले खुलासे भी हो रहे हैं. इस मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस में सियासत शुरू हो गई है.

बोगस कंपनियों के जरिए 500 करोड़ का घोटाला किया गया है, जिन कंपनियों से दवा खरीदना बताया गया. वह सभी कंपनी सिर्फ कागजों पर चल रही थीं. हैरानी की बात है कि मलेशिया, सिंगापुर और हांगकांग में राशि का ट्रांसफर हुआ है. जबकि ईओडब्ल्यू की जांच में कंपनियों के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. अब ईओडब्ल्यू इन पांच से ज्यादा बोगस कंपनियों की बैलेंस शीट, उनके खातों का ट्रांजेक्शन, किन खातों में राशि का ट्रांसफर हुआ, किन व्यक्तियों के खाते में पैसा पहुंचा समेत कई बिंदुओं पर जांच कर रही है. इसी जांच में यह बात भी पता चली है कि घोटाले की राशि में कई अफसरों और राजनेताओं की हिस्सेदारी है. इस घोटाले में विदेशों तक मनीट्रेल हुआ है. यह मनीट्रेल भारत से विदेश होकर वापस भारत आया है.

बीजेपी का दावा है कि सरकार घोटाले के नाम पर कमाई कर रही है. प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता हितेष वाजपेयी ने कहा कि सरकार के पास कोई सबूत नहीं है.सिर्फ जांच के नाम पर अधिकारियों से वसूली की जा रही है और उन्हें डराया जा रहा है.

सूत्रों के अनुसार घोटाले से कमाए करोड़ों रुपए मलेशिया, सिंगापुर, हांगकांग जैसे देशों में निवेश के नाम पर भेजे गए थे. बाद में इसी मोटी रकम को विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के जरिए भारत लगाया गया. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सरकार में जमकर घोटाले हुए हैं. विदेशों में घोटाले की रकम को भेजकर उसे व्हाइट किया गया है. सरकार सभी घोटालों की जांच करा रही है और जल्द ही बीजेपी के चेहरे बेनकाब होंगे. मनीट्रेल की शुरुआत कैसे हुई और किन खातों से पैसा विदेशों में ट्रांसफर हुआ. इन सभी बिंदुओं की जांच में कई अहम सबूत मिले हैं. घोटाले को लेकर स्वास्थ्य विभाग से भी कई दस्तावेज मांगे गए हैं. सूत्रों का कहना है कि इस घोटाले में जल्द ही ईओडब्ल्यू एफआईआर दर्ज करेगी.

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