MP में बारिश का ताडंव, कई गांवों में बाढ़, जान बचाने पेड़-मकान पर चढे लोग, कई बहे

भोपाल
मध्य प्रदेश में लगातार तीन चार दिन हो रही तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, नाले उफान पर आ गए है, सड़कों पर जल भराव की स्थिति बनी हुई है, यातायात प्रभावित हो रहा है,जगह जगह से लोगों के डूबने की खबरें आ रही है, घरों में पानी घुस गया है, कई जगह तो बाढ़ जैसे हालात बने हुए है। वही मौसम विभाग ने अगले 24  घंटो में प्रदेश के 20 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।विभाग की माने तो उत्तरी ओडिशा और उससे सटे झारखंड पर निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिससे मप्र में अच्छी बारिश हो रही है, .यह क्रम अभी दो अगस्त तक लगातार चलने वाला है।

सावन के महीने में सक्रिय हुए मानसून के दूसरे सिस्टम ने प्रदेश को तरबतर कर दिया है।लगातार हो रही बारिश से नेवज, कालीसिंध और सूकड़ नदी उफान पर आ गई है। कोटरीकलां, लूलाखाल, झाड़ला, बिसारथी, गुलखेड़ी, पड़ाना महू, तलेन सहित कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए।इसी भारी बारिश के चलते रविवार को शाजापुर जिले की कालापीपल तहसील के एक गांव खोकरा कला पानी में डूब गया।  यहां पार्वती नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है जिसके चलते उसका पानी गांव में घुस गया। वहीं गांव के पास स्थित अंग्रजों के जमाने का 103 वर्ष पुराना एक तलाब भी फूट गया है उसकी वजह से भी गांव में 6 से 8 फीट तक पानी भर गया।सूचना मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुंचा और रेस्क्यू शुरु किया। लेकिन स्थिति बिगड़ने लगी तो सेना का हेलीकॉप्टन बुलाना पड़ा। बताया जा रहा है तेज बहाव के कारण गांव के लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों की छत पर चढ गए और मदद का इंतजार करने लगे।

कच्चे मकानों में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे और सैकड़ों ग्रामीणों ने छतों पर पहुंचकर जान बचाई। इधर, तालाब के पास ही दो कच्चे मकान बह गए। एक मकान में रसीद खां व उसकी पत्नी थी। दोनों ने सुबह करीब 10 बजे पास ही आम के पेड़ पर चढ़कर जान बचाई। इन्हें पांच घंटे की मशक्कत के बाद बचाया जा सका। दंपती को निकालने के लिए नागपुर से हेलिकॉप्टर बुलाया गया। हालांकि , इससे पहले ही दोनों को सुरक्षित बचा लिया गया। पार्वती नदी कि नारे 19 गांवोंं में भी करीब 1500 घरों में पानी घुसा। बिजली और इंटरनेट व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई। सड़कें भी बह गईं।ग्रामीण घर की छतों पर चढ़कर बर्बादी का मंजर देखते रहे। सड़कें जर्जर हो गईं तो कई कारें बह गई। सात से आठ हजार आबादी वाले इस गांव में प्रशासन ने भोजन समेत पीने के पानी की व्यवस्था कराई। इससे करीब 800 मकानों में आठ से 10 फीट तक पानी भर गया। आठ घंटे तक ग्रामीणों ने दहशत में गुजारे।

इंदौर में भी लगातार बारिश से शहर के कई निचले क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति निर्मित हो गई। इंदौर के साथ ही आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बादल बरस रहे हैं जिसके चलते कान्हा, सरस्वती और चंद्रभागा नदियों में पानी का स्तर बढ़ गया।  इंदौर के अलावा देवास, उज्जैन, खंडवा, शाजापुर, मंदसौर, खरगोन आदि जिलों में भी रुक-रुक कर बारिश हो रही है। इन जिलों की कई नदियों में जलस्तर बढ़ने से निचले पुल-पुलियों के ऊपर से पानी जा रहा है। इसके चलते आवागमन अवरुद्ध हो गया।

ओमकारेश्वर में नर्मदा के सभी घाट जलमग्न हो गए है। नर्मदा के जल स्तर में बढ़ोतरी हुई है और ओमकारेश्वर बांध से चेतावनी दी जा रही है कि ओमकारेश्वर आने वाले श्रद्धालु घाटों पर न पहुंचे। ओमकारेश्वर में लगातार सायरन बजाकर श्रद्धालुओं को नर्मदा के बढ़े हुए जल स्तर से दूर रहने की जानकारी दी जा रही है।इधर खंडवा शहर में कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति बन गई है। रेलवे की तीन पुलिया अंडर ब्रिज में भी पानी भर जाने से शहर की लगभग एक दर्जन कॉलोनियों का यातायात अवरुद्ध हुआ है।

मृगवास की अंधेरी नदी में बाढ़ आने से आसपास की 30 दुकानें एक सरकारी स्कूल और मार्केटिंग सोसायटी के भवन पानी की चपेट में आ गए। स्कूल में रखे तमाम रिकॉर्ड आदि बर्बाद हो गए। वहीं सोसायटी के भवन में खाद, अनाज आदि खराब हो गया। खटकिया से चांचौड़ा तक का रास्ता दोपहर तक बंद रहा।

रविवार सुबह पीलूखेड़ी के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही पार्वती नदी में पुल के पास फाेरलेन बना रही कंपनी का आपरेटर छाेटेलाल फंस गया। उसे  प्रशासन ने 2 घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाकर सुरक्षित निकाल लिया। वहीं बाेड़ा थाने के गुलखेड़ी और तलेन थाने के अबाड़ा गांव में रविवार सुबह दो युवक बह गए। इनका शाम तक पता नहीं चल सका था। सबसे ज्यादा बारिश सारंगपुर और सबसे कम राजगढ़ में हुई है। बारिश से छापी, उतावली, ककेन नदी का जलस्तर बढ़ गया है। ब्यावरा में शहर के बीच से गुजरी अजनार नदी में उफान आने से अहिंसाद्वार से अस्पताल रोड का सड़क संपर्क दोपहर 2 से शाम 5 बजे बाधित रहा।

ब्यावरा में  बारिश से शहर की निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति बन गई। वहीं क्षेत्र के बरखेड़ा गांव में सरकारी स्कूल बिल्डिंग के ऊपर पेड़ उखड़कर गिर गया जिससे शौचालय क्षतिग्रस्त हो गया। क्षेत्र के नदी, नालों में इस सीजन में पहली बार उफान की स्थिति बनी। अस्पताल रोड पर तहसील कार्यालय के सामने स्थित कन्या छात्रावास के गेट पर भी कम से कम 4 से 5 फीट तक गहराई में बारिश का पानी जमा हो गया। इससे रास्ता बंद हो गया। जीआरपी थाने में पानी भर गया। इससे थाने का पूरा रिकॉर्ड भींग गया।

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