MP में खेती और घरेलू उपयोग की बिजली के झूठे मामले होंगे वापस

भोपाल
 मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानसभा में विपक्ष की गैर मौजूदगी में अभिभाषण के जरिए सरकार की दिशा बताई। उन्होंने कहा कि सरकार खेती और घरेलू उपयोग की बिजली के झूठे मामले वापस लेगी। बिजली चोरी से संबंधित विद्युत अधिनियम की धारा 135 और 138 को जमानती बनाया जाएगा।

विद्युत नियामक आयोग का पुनर्गठन होगा। गरीब और मजदूरों के लिए नया सवेरा कार्यक्रम लागू होगा। कुटीर और कृषि आधारित उद्योगों के उत्पादकों को सरकारी खरीद में प्रोत्साहन दिया जाएगा। सामान्य वर्ग के कल्याण के लिए आयोग का गठन होगा। अभिभाषण पर विधायक हिना कांवरे ने कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव रखा। इस पर 10 और 11 जनवरी को चर्चा होगी।

15 मिनट के अभिभाषण में राज्यपाल ने पिछली सरकार द्वारा छोड़े गए खजाने की हालत को भी सामने रखा। उन्होंने बताया कि सरकार गंभीर वित्तीय परिस्थिति से जूझ रही है। छह-सात साल से राजस्व आधिक्य में लगातार कमी हुई है। 2018-19 के बजट में तो यह (राजस्व आधिक्य) लगभग न के बराबर हो गया है।

इसके बाद अनुपूरक बजट में नई योजनाएं शुरू की गईं, इन्हें जोड़ा जाए तो वास्तव में बजट राजस्व घाटे का हो गया है। 2003-04 में राज्य का कुल कर्ज 34 हजार 672 करोड़ रुपए था जो 2018-19 में एक लाख 87 हजार 636 करोड़ रुपए हो गया। इसी प्रकार कर्ज के ब्याज की अदायगी को देखा जाए तो 2003-04 में यह तीन हजार 207 करोड़ रुपए से 2018-19 में बढ़कर 12 हजार 867 करोड़ रुपए हो गया।

राज्यपाल ने बताया कि सरकार ने किसान, नौजवान और नागरिकों के लिए वचन पत्र में जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा करेगी। पिछली सरकार की ऐसी योजनाएं, जो अब प्रासंगिक नहीं रह गई हैं, उनकी समीक्षा कर सरकारी धन की फिजूलखर्ची रोकी जाएगी। दो लाख रुपए का कर्ज किसानों का माफ करने का फैसला लिया जा चुका है।

संबल को नया स्वरूप मिलेगा

गरीबों और श्रमिकों के लिए नया सवेरा कार्यक्रम लागू होगा। इसके तहत संबल योजना को नया स्वरूप दिया जाएगा। नर्मदा नदी के संरक्षण और प्रवाह को अविरल बनाए रखने के लिए मां नर्मदा न्यास अधिनियम लाया जाएगा। खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन और विक्रय की सख्ती से रोकथाम होगी। नई खनिज नीति बनेगी। प्रदेश की नदियों से रेत खनन के काम ठेकेदारों की जगह स्थानीय बेरोजगारों की समितियों को दिया जाएगा।

सबका साथ, सबका विकास की नसीहत

राज्यपाल ने अभिभाषण के अंत में उम्मीद जताई कि पक्ष और विपक्ष प्रदेश हित में अपनी जिम्मेदारी का पूरी क्षमता से निर्वहन करेंगे। सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ काम करें। हालांकि, यह एक लाइन अभिभाषण के मसौदे में नहीं थी। उल्लेखनीय है कि यह केंद्र की भाजपा सरकार का सूत्र वाक्य है।

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