MP ने पुलिस ने कोरोना पेशेंट्स के लिए खोले अपने अस्पतालों के गेट, सेवा करते दिखेंगे ये जवान
भोपाल
मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में पुलिस (police) कोरोना (corona) से निपटने के लिए वॉरियर का रोल प्ले कर ही रहे हैं वहीं पुलिस अस्पतालों (police hositals) का उपयोग भी कोरोना पेशेंट्स के लिए किया जाने लगा है. इन अस्पतालों में स्टाफ की कमी है इसलिए अब विशेष सशस्त्र पुलिस के जवान नर्स का काम भी संभालेंगे. इस संबंध में पुलिस मुख्यालय से आदेश जारी हो गए हैं.
एमपी के पुलिस अस्पतालों में कोरोना मरीज़ों का ट्रीटमेंट किया जा रहा है. लेकिन इस नयी बीमारी और मरीज़ों की तादाद के मुताबिक इन अस्पतालों में स्टाफ नहीं है, इसलिए पुलिस जवानों को ही नर्सिंग असिस्टेंट बनाया जा रहा है. ये जिम्मेदारी विशेष सशस्त्र इकाई को सौंपी जा रही है. इस संबंध में भोपाल स्थित पुलिस मुख्यालय ने सभी विशेष सशस्त्र इकाई को चिट्टी लिखी है.
पुलिस मुख्यालय के आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान यह महसूस किया जा रहा है कि पुलिस अस्पताल इस बीमारी की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. लेकिन इन अस्पतालों में स्टाफ की कमी है. ऐसे हालात में स्वास्थ्य विभाग से स्टाफ नहीं लिया जा सकता क्योंकि वो लोग खुद ही कोरोना ड्यूटी में व्यस्त हैं, इसलिए ऐसा फैसला किया गया है कि यूनिट अस्पताल में विशेष शस्त्र बल के आरक्षकों को नर्सिंग सहायक के रूप में रखा जाए. इसमें उन आरक्षकों को लगाया जा सकता है जो ये काम करने में इच्छुक हों.बस शर्त ये है कि वो बायलॉजी में 12वीं पास हों.
मध्यप्रदेश में जहां-जहां विशेष सत्र बल की यूनिट है, वहां पुलिस अस्पताल हैं.भोपाल में ऐसे दो अस्पताल हैं. इनमें पुलिस जवानों के साथ उनके परिवारों का इलाज किया जाता है. यहां पर बकायदा डॉक्टरों की ड्यूटी लगती है. नर्सिंग स्टाफ रहता है. दवाई मिलती है और सभी तरह के इलाज की सुविधा है. कोरोना आपदा के दौरान इन अस्पतालों में कोरोना से जुड़े केस देखे जा रहे हैं. हालांकि यहां पर कोरोना पेशेंट्स को भर्ती नहीं किया जाता. जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण मिलते हैं उनका इलाज किया जाता है और ज़रूरत पड़ने पर दूसरे अस्पताल के लिए रैफर किया जाता है. इन पुलिस अस्पतालों में दूसरी बीमारियों का इलाज भी किया जा रहा है.