MP के मेडिकल कॉलेजों में निर्माण कार्य तेजी से कराने अब सरकार का नया फार्मूला

भोपाल
कोरोना महामारी से जूझ रहे मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में मरीजों के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाने, निर्माण कार्य तेजी से कराने अब सरकार ने नया फार्मूला लागू किया है। मेडिकल कॉलेजों के करोड़ों के निर्माण कार्यों के लिए अब ठेकेदारों के लिए बिड कैपेसिटी की आवश्यक शर्त से मुक्त कर दिया है। अब हर व्यक्ति इन निर्माण कार्यों के लिए टेंडर में शामिल हो सकेगा। ये टेंडर अब सात दिन की समयसीमा के भीतर जारी किए जा सकेंगे।

कोरोना महामारी से लोगों को निजात दिलाने के लिए प्रदेश के मेडिकल कालेजों में हो रही संसाधनों की कमी के लिए अब सरकार ने प्रक्रिया की शर्तों में बदलाव किया है। ऐसा करके स्थानीय स्तर पर सुविधाओं की आपूर्ति के लिए मेडिकल कालेज प्रबंधन फैसला कर सकेंगे। वहीं दूसरी ओर आयुष्मान योजना की शर्तों में भी ढील दिए जाने से छोटे नर्सिंग होम में भी लोगों को उपचार कराने की सुविधा मिल सकेगी।

कोरोना महामारी के बाद घोषित लॉकडाउन के कारण मजदूरों की अनुपलब्धता, निर्माण सामग्री की कमी, परिवहन में हो रही दिक्कतों के चलते निर्माण ठेकेदारों ने भी काम से हाथ खींच लिए हंै। कोरोना महामारी के बाद तेजी से बढ़ रहे मरीजों के लिए अब हर मेडिकल कॉलेज में अतिरिक्त बिस्तरों वाले कक्ष, आईसीयू और अन्य संसाधन जुटाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। ऐसे संकट के दौर में मेडिकल कॉलेजों में तेजी से निर्माण कार्य हो सके और ठेकेदार भी काम करने आगे आए इसके लिए राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्यों के लिए कई तरह की छूट देने का निर्णय लिया है।

मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय कार्यकारिणी समिति ने प्रदेश के दस मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में 31 करोड़ 7 लाख रुपए के निर्माण कार्यो को मंजूरी देते हुए इनके निर्माण के लिए ठेके जारी करने नियमों में कई तरह की छूट देने का निर्णय लिया है।

निविदा आमंत्रित किए जाने के बाद कुछ कामों के लिए एक भी निविदा प्राप्त ना होने अथवा अन्य कारणों से  अवार्ड न हो पाने की स्थिति में इन कार्यों को अन्य समान कार्यों हेतु प्राप्त और स्वीकृत निविदाओं की दर पर ही परस्पर सहमति के आधार पर अन्य उपयुक्त एजेंसी, ठेकेदार जो समयसीमा में कार्य कर सके उन्हें सौपे जाने के लिए अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा को अधिकृत किया गया है।

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