MP की इस सीट पर BJP प्रत्याशी ने रचा इतिहास, बेटे को हराने के बाद पिता को दी मात

रतलाम
लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके है और एमपी में बीजेपी ने 29  में से 28  सीटों पर शानदार जीत दर्ज की है।मोदी की जादू लोगों के सिर चढकर ऐसा बोला कि राजा-महाराजाओं के किले भी ध्वस्त हो गए और उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा । भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह और गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया हार गए। कांग्रेस के खाते में केवल छिंदवाड़ा सीट गई जहां सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने जीत हासिल की। वही रतलाम लोकसभा सीट पर तो बीजेपी प्रत्याशी जीएस डामोर ने इतिहास ही रच दिया। विधानसभा में  कद्दावर नेता कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को हराने के बाद लोकसभा में पिता को मात दे दी।

डामोर वर्तमान में झाबुआ से विधायक है। इससे पहले वे भोपाल में पीएचई में नौकरी करते थे और रिटायर्ड होने के बाद राजनीति में आए। खास बात ये है कि डामाोर ने कांतिलाल भूरिया को बड़े अंतर से हराया है।कहा ये जा रहा था कि इस बार कांतिलाल भूरिया अपने बेटे की हार का बदला डामोर से लेंगे, लेकिन ये हो नहीं सका। भूरिया के गढ़ में ही डामोर ने शिकस्त दे दी। रतलाम लोकसभा सीट कांग्रेस की गढ़ रही है और इस गढ़ में कांग्रेस को पछाड़ना डामोर के पास बडी चुनौती थी, बावजूद इसेक वे पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरे और विजय हासिल की।

हैरानी की बात तो ये है कि साल 1998 से 2019 तक कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया इस सीट से 5 बार सांसद रहे हैं और कांग्रेस ने यहां विधानसभा में भी बेहतर प्रदर्शन किया था बावजूद इसके भूरिया पार्टी को जीत नही दिला सके।पिछले लोकसभा चुनाव में भी मोदी लहर की वजह से कांतिलाल भूरिया यह सीट हार गए थे। बीजेपी के दिलीप सिंह भूरिया ने उन्हें 1 लाख से ज्यादा वोटों से हरा दिया था, लेकिन, 2015 में बीजेपी सांसद दिलीप सिंह भूरिया का निधन हो गया, सीट खाली होने कारण यहां उपचुनाव हुआ और फिर कांतिलाल भूरिया जीत गए, उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी और दिलीप सिंह भूरिया की बेटी निर्मला भूरिया को 88 हजार वोटों से हराया था. 2019 में कांतिलाल भूरिया को कांग्रेस ने फिर से टिकट दिया, लेकिन इस बार भी कांतिलाल भूरिया हार गए। बीजेपी ने संघ के कोटे से झाबुआ विधायक जीएस डामोर को मैदान में उतारा और उन्होंने एक लाख से भी ज्यादा अंतर से जीत दर्ज की।

रतलाम लोकसभा सीट से विजयी हुए भाजपा प्रत्याशी गुमान सिंह डामोर वर्तमान में झाबुआ के विधायक हैं। उन्होंने हाल ही में सांसद कांतिलाल भूरिया के बेटे  विक्रांत भूरिया को हराया था।हालांकि विक्रांत की हार में और डामोर की जीत में कांग्रेस के बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़े जेवियर मेड़ा ने अहम भूमिका निभाई थी।उम्मीद की जा रही थी कि भूरिया अपने बेटे की हार का बदला इस लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर लेंगें लेकिन ऐसा नही हुआ। डामोर ने बेटे को हराने के बाद पिता को बड़े अंतर के साथ मात दी और जीत का परचम लहराया।

विधानसभा चुनावों में झाबुआ की तीन में से दो पर कांग्रेस और एक पर भाजपा विजयी हुई है। वहीं रतलाम की तीन में से दो पर कांग्रेस और एक पर भाजपा तथा अलीराजपुर की दो में से दो पर कांग्रेस का कब्जा है। इस प्रकार कुल आठ विधानसभा सीटों में छह कांग्रेस के और दो भाजपा के पास है।बावजूद इसके बीजेपी कांग्रेस पर भारी पड़ी और जीत हासिल की।

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