#MenToo: रिश्तों की मुश्किलें बयां करता है करण ओबेरॉय का नया गाना ‘रिश्तों का व्यापार’

 

 
मुंबई 

टाइम्स म्यूजिक की नई रिलीज 'रिश्तों का व्यापार' आज के दौर में रिश्तों की जरूरी बातों और मुश्किलों को सामने रखती है। इसे ऐक्टर करण ओबेरॉय ने लिखा और गाया है। फिलहाल रेप के आरोपों में जमानत पर चल रहे करण ओबेरॉय को 5 मई को गिरफ्तार कर लिया गया था। एक महिला ने उन पर शादी का वादा कर रेप करने का आरोप लगाया था। ओबेरॉय शुरू से ही इन आरोपों के खंडन कर रहे थे और आखिर में 7 जून को बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी। उच्च न्यायालय ने कहा था कि प्रथम दृष्ट्या आरोप संदिग्ध लगते हैं। 
 

इसके बाद पुलिस ने ओबेरॉय पर आरोप लगाने वाली 34 वर्षीय महिला को अरेस्ट किया था। महिला को आपराधिक साजिश रचने और 25 मई को दर्ज एफआईआर में गलत जानकारी देने के आरोप में अरेस्ट किया गया। महिला ने कहा था कि उसे करण ओबेरॉय पर दर्ज केस को वापस करने के लिए कॉल आ रहे हैं और धमकियां दी जा रही हैं। हालांकि महिला को बाद में जमानत दे दी गई। 
 
सिंगर और ऐक्टर करण ओबेरॉय की गिरफ्तारी ने देश में एक नए बदलाव को लेकर बहस तेज की और #MenToo मूवमेंट की शुरुआत हुई। इस मामले के बाद तमाम पुरुष और महिलाएं सामने आईं और फर्जी मामलों के चलते खुद को हुई पीड़ा को साझा किया। इसके अलावा कई सोशल ऐक्टिविस्ट्स ने पब्लिक शेमिंग और लैंगिक पक्षपात पर आधारित फैसलों के बारे में बताया। 
 
एक तरह से इसी मूवमेंट को आगे बढ़ाते हुए 'रिश्तों का व्यापार' गाना उन पुरुषों की कहानी कहता है, जिन्हें उन अपराधों में फंसाया गया, जो उन्होंने किए ही नहीं। इसके चलते उन लोगों को समाज में शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। गाने के बारे में बताते हुए ऐक्टर करण ओबेरॉय ने कहा, 'इस सॉन्ग में मेरे गुस्से, पीड़ा और भावनाओं की अभिव्यक्ति हुई है। इसके साथ ही इसी तरह के फर्जी मामलों का दर्द झेल रहे कुछ अन्य लोगों की भावनाएं भी इसमें शामिल हैं।' 
 
उन्होंने कहा कि सॉन्ग उन सभी लोगों को समर्पित है, जिन्हें कभी न कभी गलत आरोपों में फंसाया गया हो। जहां कानून का सहारा अपने निजी अजेंडे को साधने, साजिश रचने के लिए किया गया। यह सभी के लिए न्याय पर आधारित है। इसमें लैंगिक पक्षपात से परे संवेदनाएं जाहिर की गई हैं क्योंकि प्रताड़ना और कष्ट पुरुष को भी होते हैं। 

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