LG के आदेश के खिलाफ याचिका, दिल्ली HC में सुनवाई
नई दिल्ली
दिल्ली हाई कोर्ट शुक्रवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल के एक आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगा. इस याचिका में दिल्ली के उपराज्यपाल के 8 जून के उस नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की गई है जिसमें दिल्ली के अस्पतालों में देश के हर हिस्से से आए मरीजों के इलाज की इजाजत दी गई थी.
इस याचिका में मांग की गई है कि उपराज्यपाल को दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन के पद से भी हटाया जाए. वकील धीरज कुमार सिंह द्वारा लगाई गई इस याचिका में कहा गया है कि 7 जून को दिल्ली सरकार ने काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स की सहमति से दिल्ली के अस्पतालों को सिर्फ दिल्ली में रहने वाले लोगों के इलाज के लिए रिजर्व करने का फैसला लिया था. लेकिन दिल्ली सरकार के इस फैसले के 24 घंटे के भीतर ही दिल्ली के उपराज्यपाल ने अपने एक नोटिफिकेशन से पलट दिया. उपराज्यपाल की तरफ से दिल्ली सरकार से इस बारे में कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया.
याचिका में कहा गया है कि इसके चलते दिल्ली के मरीजों को बड़ी संख्या में परेशानी का सामना करना पड़ा. राज्यपाल और दिल्ली सरकार के अलग-अलग निर्देशों के चलते लोगों में भ्रम की स्थिति बनी रही और पूरी दिल्ली में मरीज और अस्पतालों के बीच में अव्यवस्था का आलम रहा.
याचिका में कहा गया है कि देश की बाकी केंद्र शासित राज्यों की तरह दिल्ली में भी दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी दिल्ली सरकार द्वारा चलाई जानी चाहिए. इसमें उपराज्यपाल के दखल को खत्म किया जाना चाहिए.
याचिका में कहा गया है कि फिलहाल दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल एक दूसरे के साथ मिलकर काम करने को तैयार नहीं हैं और ऐसी स्थिति का सबसे बुरा नुकसान कोरोना में आम जनता को उठाना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में उपराज्यपाल के बजाय दिल्ली की चुनी हुई सरकार को जनता की जिम्मेदारी और इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए.
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 47000 को भी पार कर गया है. 1300 से ऊपर लोगों की मौत हो चुकी है. याचिका में यह मांग भी की गई है कि फिलहाल दिल्ली के सभी अस्पतालों की जिम्मेदारी दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के द्वारा टेकओवर की जानी चाहिए.
याचिका में मांग की गई है कि कोविड-19 के मरीजों को उनके घर से अस्पताल तक पहुंचाने और वहां इलाज कराने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार और डिजास्टर मैनेजमेंट की होनी चाहिए. किसी भी चुनी हुई सरकार का पहला कर्तव्य महामारी की सूरत में जनता तक राहत पहुंचाना और उन्हें इलाज देना होता है. दिल्ली हाई कोर्ट से याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. आज दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा.