INDvsWI, 2nd ODI: अय्यर के पास जगह पक्की करने का मौका, जाधव पर होगा दबाव
नई दिल्ली
पहला वनडे मैच बारिश से धुलने के बाद भारतीय टीम की निगाहें वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरा मुकाबला जीतकर सीरीज में अजेय बढ़त बनाने पर होगी। तीन मैचों की यह सीरीज भारतीय युवाओं के लिए काफी अहम है जो टीम में अपनी जगह पक्की करना चाहते हैं। पोर्ट ऑफ स्पेन में टीम इंडिया 13 साल से वेस्टइंडीज से नहीं हारी है। भारत पोर्ट ऑफ स्पेन में विंडीज के खिलाफ पिछली बार 2006 में हारा था, उसके बाद 4 मैच जीते हैं। दोनों टीमों के बीच यहां 5 मुकाबले खेले गए। इनमें 4 भारत जीता। एक मैच में बेनतीजा रहा।
भारत और विंडीज के बीच आखिरी वनडे आईसीसी विश्वकप के राउंड रॉबिन में हुआ था जहां भारत ने 125 रन की बड़ी जीत दर्ज की थी। इस मैच में विराट ने अर्धशतक जड़ा था जबकि तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने सर्वाधिक चार विकेट निकाले थे।
भारतीय टीम पिछले काफी समय से नंबर चार पर स्थायी बल्लेबाज की समस्या से जूझ रहा है। ऐसे में सभी की नजरें प्रतिभाशाली बल्लेबाज श्रेयस अय्यर के प्रदर्शन पर लगी होगी, जिनके पास चौथे स्थान में जगह पक्की करने का मौका होगा। अय्यर को टी-20 सीरीज में प्लेइंद इलेवन में मौका नहीं मिला था लेकिन वह बारिश से प्रभावित पहले मैच में टीम का हिस्सा थे। इस बात की संभावना कम है कि भारतीय टीम बल्लेबाजी क्रम के साथ कोई छेड़छाड़ करेगी। ऐसे में मुंबई के बल्लेबाज अय्यर के पास दूसरे मैच में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका होगा। अय्यर ने हाल ही में भारत-ए के लिए खेलते हुए वेस्टइंडीज-ए के खिलाफ दो अर्धशतकीय पारी खेली। टीम में जगह पक्की करने के लिए हालांकि दो मैचों में प्रदर्शन काफी नहीं होगा, लेकिन इन मुकाबलों में अच्छी बल्लेबाजी से वह दबाव को कम जरूर कर सकेंगे।
अनुभवी ऑलराउंडर केदार जाधव के लिए भी यह सीरीज काफी महत्वपूर्ण है जो खराब प्रदर्शन करने पर टीम से बाहर हो सकते हैं। बतौर बल्लेबाज भी जाधव पर काफी दबाव इसलिए भी ज्यादा होगा क्योंकि शुभमन गिल जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। कई पूर्व दिग्गजों का मानना है कि जाधव के पास ऊपरीक्रम में बल्लेबाजी के लिए उपयुक्त तकनीक नहीं है और उनके पास आखिरी ओवरों में गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचाने की ताकत भी नहीं है। भारत के लिए बाएं हाथ के स्पिनर रन रोकने में कामयाब रहे हैं, लेकिन प्लेइंग इलेवन में कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा की एक साथ मौजूदगी से यह देखना दिलचस्प होगा कि इनका पूरा उपयोग कैसे होगा।
युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद खलील के पास भी अपना दमखम दिखाने का भरपूर मौका होगा। बारिश से धुले पहले वनडे में खलील की गेंदबाजी में काफी कमियां दिखाई दी। उन्होंने तीन ओवर में 27 रन लुटा दिए। बेंच पर दिल्ली के युवा पेसर नवदीप सैनी भी मौका मिलने के इंतजार में बैठे हैं। यदि टीम प्रबंधन खलील को फिर अंतिम एकादश में मौका देता है तो फिर उन्हें इस मौके हर हाल में भुनाना होगा। पिच यदि स्पिनरों की मुफीद हुई तो युज्वेंद्रा चाहल को तेज गेंदबाज खलील अहमद की जगह टीम में शामिल किया जा सकता है।
श्रेयस अय्यर को मध्यक्रम में मौका मिलने का मतलब होगा कि शीर्ष क्रम में शिखर धवन की मौजूदगी में लोकेश राहुल को बेंच पर बैठना होगा। सीरीज के पहले मुकाबले का टीम संयोजन को देखे तो यह पता चलता है कि विश्व कप में शीर्षक्रम में अच्छी बल्लेबाली के बाद राहुल को धवन या रोहित की गैरमौजूदगी में ही सलामी बल्लेबाज के तौर पर मौका मिलेगा।
भुवनेश्वर कुमार अगर विश्राम करना चाहेंगे तो नवदीप सैनी को मौका मिल सकता है। पिच अगर स्पिनरों की मुफीद हुई तो युजवेंद्र चहल को तेज गेंदबाज खलील अहमद की जगह टीम में शामिल किया जा सकता है। हालांकि, भुवनेश्वर कुमार का पोर्ट ऑफ स्पेन में बढ़िया रिकॉर्ड रहा है और वह इस मैदान पर सर्वाधिक विकेट लेने वाले विदेशी गेंदबाज हैं।