GST रेट में बदलाव, डिफॉल्टर्स पर सख्ती..1 जनवरी से कारोबार पर असर डालेंगे ये बदलाव

नई दिल्ली
कल साल का आखिरी दिन जहां कई मोहलतों और स्कीमों की डेडलाइंस लेकर आएगा, वहीं नए साल के पहले दिन से कई टैक्स और वित्तीय प्रावधान लागू होंगे, जिनका असर ट्रेड-इंडस्ट्री से आम आदमी तक पर होगा। आइए इन बदलावों के बारे में जान लेते हैं।

ई-बिलिंग का ट्रायल
जीएसटी लागू होने के ढाई साल बाद पहली बार कारोबार जगत ई-इनवॉइसिंग से रूबरू होगा। हालांकि 1 जनवरी से 500 करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए इसका ट्रायल शुरू हो रहा है, जो स्वैच्छिक होगा। 100 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वालों के लिए यह ट्रायल 1 फरवरी से शुरू होगा। दोनों कैटेगरी के लिए यह 1 अप्रैल से अनिवार्य हो जाएगा। ई-इनवॉइसिंग के तहत जारी होने वाले हर बिल पर एक यूनीक इनवॉइस रेफरेंस नंबर (आईआरएन) दर्ज होगा। इससे बोगस बिलिंग और टैक्स चोरी की संभावनाएं काफी कम हो सकती हैं।

नई दरें होंगी लागू
18 दिसंबर को जीएसटी काउंसिल की 38वीं बैठक में लिए गए दो अहम फैसले 1 जनवरी 2020 से लागू हो रहे हैं। पॉलीथिलेनर और पॉलीप्रोपीलीन से बुनाई या बिना बुनाई के निर्मित थैलों पर जीएसटी दर घटाकर 18 फीसदी कर दी गई है, जबकि इंडस्ट्रियल प्लॉट के दीर्घकालिक लीज पर जीएसटी नहीं लगाने का फैसला भी किया गया है।

डिजिटल पेमेंट आसान
1 जनवरी से रुपे कार्ड और यूपीआई के जरिए भुगतान पर कोई मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) नहीं लगेगा। साथ ही 50 करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाले करोबारियों के लिए डिजिटल पेमेंट होगा। पहली तारीख से नैशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिए भुगतान पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। इससे छोटे कारोबारियों को काफी आसानी हो जाएगी। आरबीआई ने इस बारे में सभी बैंकों को निर्देश दिए थे कि वे अपने खाताधारकों से इसके लिए कोई चार्ज नहीं लें।

डिफॉल्टर्स पर सख्ती
प्री-जीएसटी रिजीम के टैक्स बकाएदारों के लिए सबका विश्वास (लिगेसी डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन) स्कीम 31 दिसंबर को खत्म हो रही है। इसके तहत बकाया या छिपाए गए टैक्स का खुलासा करने पर टैक्स और पेनाल्टी में भारी छूट की पेशकश की गई थी। कई मामलों में सिर्फ 30% टैक्स पेमेंट से ही पेनाल्टी, ब्याज और मुकदमेबाजी से छुटकारा मिल सकता है। 1 जनवरी से सरकार ऐसे बाकायेदारों के खिलाफ सख्त प्रावधानों के तहत कार्रवाई कर सकती है।

ओटीपी आधारित निकासी
एसबीआई के ग्राहकों के लिए 1 जनवरी से दो प्रावधान खासे अहम हैं। बैंक के सभी एटीएम और अन्य कैश निकासी सिस्टम के जरिए ट्रांजैक्शन पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) जेनरेट होगा, जिससे अनाधिकृत निकासी और धोखाधड़ी की आशंका काफी कम हो जाएगी। 1 जनवरी से ही एसबीआई के मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले डेबिट कार्ड कम करना बंद कर देंगे। इन्हें 31 दिसंबर तक बदलवाया जा सकता है।

आईटी रिटर्न पर ज्यादा पेनाल्टी
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 अगस्त थी, जिसे 31 मार्च 2020 तक सशर्त दाखिल किया जा सकता है। 31 दिसंबर तक इस पर एकमुश्त 5000 रुपये पेनाल्टी थी, जो अब 1 जनवरी 2020 के बाद बढ़कर 10,000 हो जाएगी।

पैन बंद हो जाएगा!
आधार से पैन लिंक कराने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है और 1 जनवरी से बिना लिंक वाले पैन कार्ड इनऐक्टिव या अवैध घोषित हो सकते हैं, जिनके जरिए कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया जा सकता।

ट्रांसपोर्ट में सख्ती
कई राज्य 1 जनवरी से मोटर व्हीकल ऐक्ट में हालिया कुछ संशोधनों सहित नए नियमों पर सख्ती करने जा रहे हैं। इनमें 1 जनवरी 2019 के बाद रजिस्टर हुए सभी वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग (वीएलटी) डिवाइस लगाने से लेकर सरकारी ढुलाई में ओवरलोडिंग करने वाले ट्रांसपोर्टर्स को ब्लैकलिस्ट करने जैसे सख्त कदम शामिल हैं।

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