EVM विवाद पर पूर्व राष्ट्रपति भी कूदे, ‘संदेह से परे हो जनादेश’

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल्स के बाद विपक्षी दल इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से कथिततौर पर छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगा रहे हैं। मंगलवार को दिल्ली में 19 विपक्षी दलों ने ईवीएम के मुद्दे पर बैठक कर चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की। आशंका और आरोपों से भरे इस माहौल के बीच अब पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने मतदाताओं के फैसले से कथित छेड़छाड़ की रिपोर्टों पर चिंता जताई है। एक बयान जारी कर उन्होंने कहा कि EVMs, जो ECI की कस्टडी में हैं, उनकी रक्षा और सुरक्षा आयोग की जिम्मेदारी है।

प्रणव मुखर्जी ने आगे कहा कि ऐसी अटकलबाजियों के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता, जो हमारे लोकतंत्र के मूल आधार को चुनौती देते हैं। उन्होंने कहा कि जनादेश पवित्र है और इसे हर प्रकार के संदेह से परे होना चाहिए।

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि अपने संस्थानों पर दृढ़ विश्वास के साथ यह मेरी राय है कि काम करने वाले लोग ही हैं, जो फैसला करते हैं कि संस्थागत टूल्स कैसे परफॉर्म करें। उन्होंने साफ कहा कि इस मामले में संस्थागत अखंडता को सुनिश्चित करने का दायित्व भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) पर है। उनके लिए ऐसा करना और सभी आशंकाओं को खत्म करना जरूरी है।

पूर्व राष्ट्रपति का बयान

आपको बता दें कि एग्जिट पोल्स देख विपक्षी दलों में हलचल बढ़ गई है। मंगलवार को तमाम विपक्षी दलों के नेता दिल्ली में हैं और बैठकों का दौर जारी है। वे 100 फीसदी ईवीएम के साथ वीवीपैट मिलान की मांग कर रहे हैं। उधर, सुप्रीम कोर्ट वीवीपैट से मतगणना की मांग को खारिज कर चुका है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में सोमवार देर रात ईवीएम बदलने का आरोप लगाते हुए बीएसपी प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने सैकड़ों समर्थकों संग पहुंचकर धरना दिया। आरजेडी नेता राबड़ी देवी, पीडीपी अध्‍यक्ष महबूबा मुफ्ती, आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह समेत कई विपक्षी दलों ने ईवीएम और उसकी सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। हालांकि आयोग ने एक-एक आरोपों का जवाब भी दे दिया है पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।

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