DDU हॉस्पिटल लाया गया दोषियों का शव, 5 डॉक्टरों की टीम करेगी पोस्टमार्टम

नई दिल्ली
आखिरकार साढ़े 7 साल बाद निर्भया को न्याय मिल गया. 20 मार्च, सुबह 5.30 बजे तिहाड़ जेल में चारों दोषियों को फांसी दे दी गई. इस दौरान जेल के अंदर लॉकडाउन रहा, लेकिन तिहाड़ के बाहर जुटे लोग ने इसे बड़ी जीत बताई. वहीं, निर्भया के माता-पिता 20 मार्च का दिन निर्भया दिवस के रूप में मनाने की बात कही. हालांकि, इससे पहले दोषियों के वकील एपी सिंह ने आखिरी वक्त तक दोषियों को फांसी से बचाने की कोशिश की. देर रात सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सभी दलीलों को खारिज कर दी, जिसके बाद चारों दोषियों के फांसी का रास्ता साफ हो गया.
खोला गया जेलों का लॉकअप
दोषियों की लाश को दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल में भेजे जाने के बाद तिहाड़ जेल में लॉकडॉउन खत्म कर दिया गया. सभी जेलों के लॉकअप को खोल दिया गया है. जेल के अंदर सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही तमिलनाडु पुलिस ने फ्लैग मार्च किया.
DDU हॉस्पिटल भेजा गया चारों शव
निर्भया के चारों दोषियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए दीन दयाल उपाध्याय हॉस्पिटल भेज दिया गया है. डॉ. बीएन मिश्रा की अगुवाई में पांच डॉक्टरों का मेडिकल पैनल आटॉप्सी करेगा. इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी होगी.
 

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