CRPC ने पुलिस पर उठाए सवाल, कहा-संदेह के आधार पर पिता को जेल भेजना गलत

गया 
गया में कथित ऑनर किलिंग के मामले में पुलिस कार्रवाई पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग  ने सवाल उठाए हैं. आयोग की टीम ने संदेह के आधार पर मृतक नाबालिग के पिता को जेल भेजे जाने की कार्रवाई को गलत बताया है.आयोग की टीम ने मृतक की मां, बड़ी बहन,पड़ोसी और पटवा समाज के प्रतिनिधियों से पहले बात की और फिर सर्किट हाउस में एसएसपी राजीव मिश्रा और पोस्टमार्टम करने वाले एएनएमसीएच के डॉक्टर से भी बातचीत की.

मृतक के परिजन और अधिकारियों से बातचीत के बाद टीम ने बताया कि इस मामले में पुलिस की लापरवाही स्पष्ट रूप से दिख रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से भी हत्या की गुत्थी सुलझती हुई नजर नहीं आ रही है, ऐसे में पिता को संदेह के आधार पर जेल भेज देना गलत है.

आयोग के सदस्यों ने पुलिस अधिकारी को परिवार को टार्चर बंद करने का निर्देश दिया है.  साथ ही इस कांड में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कराने का आश्वासन पीड़ित परिवार और पटवा समाज को दिया है.

आयोग की टीम ने सदर एसडीओ को मृतक नाबालग की तीनों बहनों की पढ़ाई की समुचित व्यवस्था कराने का निर्देश दिया है और किसी भी रूप में बाल अधिकार का हनन रोकने का निर्देश दिया है. वहीं नाबालिग की मां के साथ ही मृतका की बड़ी बहन का नार्को टेस्ट कराने के पुलिस के आवेदन पर आयोग की महिला सदस्य प्रेमा शाह ने सवाल उठाया है.

आपको बता दें कि गुरुवार को आयोग की टीम ने पटवा टोली पहुंचकर जांच पड़ताल की. इस प्रतिनिधिमंडल में दिल्ली से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कंसलटेंट संदीप राठी और बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य प्रेमा शाह और विजय कुमार रंजन शामिल थे.

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