COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में आमजन को जागरूक करेंगे छात्र, राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को दिया आदेश

भोपाल
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के साथ देश में कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए एक नई चेन तैयार हो रही है. यह चेन उन युवाओं की है जो प्रदेश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों (Universities) में पढ़ाई कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन (Governor Lalji Tandon) की पहल पर अब इस चेन को काम पर जुटने के लिए कह दिया गया है. युवाओं की इस चेन ने कोरोना की चेन को हराने के लिए अपना काम शुरू कर दिया है.  आइए आपको बताते हैं कि आखिर कैसे कोरोना की चेन को हराने के लिए मध्य प्रदेश में तैयार हुई है युवाओं की अटूट चेन.

मध्य प्रदेश राजभवन की ओर से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को एक संदेश भेजा गया है. इस संदेश में राज्यपाल लालजी टंडन की ओर से कहा गया कि अगर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को कोरोना के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए लगाया जाए तो यह कारगर साबित हो सकता है. राजभवन ने यह संदेश सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति को जारी किया है और संदेश जारी होते ही इस पर अमल शुरू हो गया. सभी विश्वविद्यालयों ने अपने यूनिवर्सिटी के तहत आने वाले छात्रों को यह मैसेज सर्कुलेट किए और उनसे कहा गया कि वह लोगों को जागरूक करने के लिए इन संदेशों को आगे बढ़ाएं.

कोरोना आपदा के बीच प्रदेश और देश में कई तरह की भ्रामक और असत्य जानकारियां भी लोगों के बीच सर्कुलेट हो रही हैं जो इस आपदा की रोकथाम में बाधक बन सकती हैं. लिहाजा आपदा रोकने के लिए जो उपाय और संदेश अधिकृत तौर पर सरकार की ओर से जारी किए गए उन्हें लोगों तक पहुंचाना जरूरी है और इसके लिए छात्रों की मदद लेने का फैसला किया गया. प्रदेश के विश्वविद्यालयों में करीब 20 लाख छात्र इस वक्त पढ़ाई कर रहे हैं. अधिकृत संदेश इन सभी छात्रों के मोबाइल और ईमेल पर भेजे जा रहे हैं और उनसे कहा गया है कि वह इन संदेशों को आम जनता के बीच भेजें ताकि लोग कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता ला सके.

राजभवन के इस संदेश पर सभी विश्वविद्यालयों ने तत्काल काम शुरू कर दिया है. अब तक 14 लाख 28 हजार 653 छात्रों को मैसेज भेजे जा चुके हैं. जबकि एक लाख 15 हज़ार 790 व्हाट्सएप मैसेज भेजे गए हैं. इसके अलावा ईमेल के जरिए भी छात्रों को संदेश भेजे गए हैं. करीब दो लाख दस हजार 596 छात्रों को ई-मेल के जरिए संदेश भेजे गए हैं. अब यह संदेश सभी छात्रों के जरिए आम लोगों को जागरूक करने के लिए भेजे जाएंगे.

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