CM शिवराज ने राज्य के 5 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों को वापस लाने का किया दावा

भोपाल
मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने राज्य के 5 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों को वापस लाने का दावा किया है. ये प्रवासी श्रमिक लॉकडाउन के कारण देश के अन्य राज्यों में फंस गए थे. इनमें से अधिकांश प्रवासी श्रमिकों को सड़क परिवहन के माध्यम से लाया गया.

प्रदेश के नियंत्रण कक्ष के प्रभारी अतिरिक्त मुख्य सचिव आईसीपी केशरी ने शनिवार को बताया कि प्रदेश सरकार शुक्रवार तक अन्य राज्यों में फंसे 5 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों को वापस ला चुकी है. उन्होंने कहा कि 3.52 लाख प्रवासियों को बसों और 1.46 लाख लोगों को 119 विशेष रेलगाड़ियों के जरिए मध्य प्रदेश में वापस लाया गया है.

उन्होंने बताया कि सबसे अधिक 2.02 लाख प्रवासी गुजरात से लाए गए जबकि महाराष्ट्र से 1.12 लाख और राजस्थान से 1.10 लाख प्रवासी आए. इसके अलावा प्रवासियों को गोवा, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना से भी वापस लाया गया. केशरी ने कहा कि मध्य प्रदेश की सीमाओं पर पहुंचने वाले अन्य राज्यों के श्रमिकों को भी राज्य सरकार उनके प्रदेश की सीमाओं तक पहुंचा रही है.

श्रम सिद्धी अभियान के तहत ऐसे मजदूर जिनके जॉब कार्ड नहीं है, उनके जॉब कार्ड बनवाकर मजदूर को काम दिलाया जाएगा. श्रम सिद्धी अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्र में हर व्यक्ति को काम दिया जाएगा. इसके लिए घर-घर सर्वे किया जाएगा और जिनके पास जॉब कार्ड नहीं है उनके जॉब कार्ड बनाकर दिए जाएंगे. यही नहीं, जो मजदूर अकुशल होंगे उन्हें मनरेगा में कार्य दिलाया जाएगा. जबकि कुशल मजदूरों को उनकी योग्‍यता के अनुसार काम दिलाया जाएगा.

आपको बता दें कि फिलहाल प्रदेश की 22 हजार 809 ग्राम पंचायतों में से 22 हजार 695 में मनरेगा के कार्य चल रहे हैं. इन कार्यों में अभी तक 21 लाख एक हजार 600 मजदूरों को रोजगार दिया गया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना है.

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