CM शिवराज ने प्रियंका गांधी को दिया MP आने का न्यौता
भोपाल
उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच मचे सियासी घमासान में एपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हो गए हैं. उन्होंने ट्विटर वॉर छेड़ दिया है. चौहान ने प्रियंका गांधी को सलाह दी कि वो मध्य प्रदेश आकर देखें कि व्यवस्था कैसे की जाती है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए मजदूरों की मदद के लिए एमपी फॉर्मूला अपनाने की सलाह दी है. शिवराज ने अपने ट्वीट में कहा प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश की व्यवस्था देखना चाहिए. मध्य प्रदेश सरकार ने मजदूरों की घर वापसी के लिए जो व्यवस्था की हैं प्रियंका गांधी को उससे सीखना चाहिए. उससे उन्हें मदद मिलेगी.
प्रियंका जी, अगर आपको सच में श्रमिकों की मदद करनी है, तो मध्यप्रदेश आइये। हमारे यहॉं की व्यवस्थाऍं देखिये, सीखिए; उससे आपको मदद मिलेगी। मध्यप्रदेश की धरती पर आपको कोई मजदूर भूखा, प्यासा और पैदल चलता हुआ नहीं मिलेगा। हमने कारगर इंतजाम किये हैं। pic.twitter.com/4MDrl4UDlv
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 19, 2020
सीएम शिवराज ने कहा, प्रदेश की धरती पर कोई मजदूर भूखा-प्यासा और पैदल चलता हुआ नहीं मिलेगा. हमने कारगर इंतजाम किए हैं. दूसरे राज्यों के मजदूर भाइयों को घर तक पहुंचाने के लिए हर दिन एक हजार बसें दौड़ाई जा रही हैं. देश के दूसरे राज्यों में फंसे 4.5 लाख मजदूरों के घर लौटने का इंतज़ाम किया जा चुका है. शिवराज सिंह चौहान ने प्रियंका गांधी पर संकट की घड़ी में मजदूरों को मोहरा बनाकर राजनीति करने का आरोप लगाया. प्रियंका गांधी को सलाह दी है कि संकट की इस घड़ी में सेवा करनी चाहिए, यही सच्ची राजनीति है.
यूपी में मजदूरों की वापसी के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक हजार बसें चलाने की सूची योगी सरकार को सौंपी थी.उन्होंने 16 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा था कि पलायन करते हुए बेसहारा प्रवासी मजदूरों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए पांच-पांच सौ बसें गाजीपुर और नोएडा बॉर्डर से चलाना चाहती है. इसका पूरा खर्चा कांग्रेस उठाएगी. इसके बाद कांग्रेस ने बसों की सूची उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी थी. इसी मुद्दे पर यूपी सरकार और कांग्रेस के बीच वॉर चल रहा है.
सीएम शिवराज ने अपने ट्वीट में दावा किया है कि प्रदेश सरकार ने अब तक गुजरात से एक लाख 89 हजार, राजस्थान से 97 हजार और महाराष्ट्र से 1 लाख 2 हजार श्रमिकों को वापस ला चुकी है. इसके अलावा गोवा, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना से भी मजदूरों को वापस लाया गया है. हर दिन दूसरे प्रदेशों से 12 से 15 हजार मजदूर पैदल प्रदेश में आ रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश के मजदूरों की है.