CAA पर प्रदर्शन के दौरान 5 दिन में दिल्ली में 2 जगहों पर दागे गए आंसू गैस के 450 गोले

 नई दिल्ली 
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ में बीते कुछ दिनों से दिल्ली में भी उबाल देखने को मिल रहा है। बीते दिनों नागरिकता कानून को लेकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और सीलमुपर-जाफराबाद में पुलिस के साथ झड़प हुई, जिसमें पुलिस को स्थिति पर काबू पाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। दिल्ली पुलिस ने जामिया नगर और सीलमपुर में विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए पिछले पांच दिनों में कम से कम 450 आंसू गैस के गोले दागे हैं। यह जानकारी तीन सीनियर अधिकारियों ने दी है। बुधवार को तीन सीनियर अधिकारियों ने माना कि हाल के समय में आंसू गैस के प्रयोग होने की यह सबसे अधिक घटना होगी। 

अधिकारियों ने कहा कि 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप की घटना के बाद इंडिया गेट पर 22 दिसंबर को हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने आंसू गैस के 180 गोले दागे थे। रविवार को हुए जामिया नगर हिंसा से पहले यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा था दिल्ली में। 

पुलिस बल द्वारा एकत्रित किए गए प्रारंभिक डिटेल्स के अनुसार, पुलिस ने रविवार को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर में और उसके आसपास कम से कम 200 गोले दागे। बता दें कि नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने इलाके में पांच बसों को आग लगा दी। इन झड़पों में 15 पुलिस कर्मियों सहित 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। वहीं, सीलमपुर में मंगलवार को हुई हिंसा में प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए 247 आंसू गैस के गोले दागे गए। बता दें कि सीलमपुर में प्रदर्शनकारियों ने 20 वाहनों में तोड़फोड़ की और पुलिस पिकेट को भी आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा, जामिया परिसर के बाहर शुक्रवार को कम से कम 15 गोले दागे गए। 

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता पुलिस उपायुक्त मनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि पुलिस के पास आंसू गैस को चलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। कुछ अनियंत्रित प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और सार्वजनिक वाहनों को आग लगा दी। वे पुलिस और जनता पर भी पथराव कर रहे थे। दोनों स्थानों पर विरोध बड़े क्षेत्र में फैल गया था। जामिया नगर में विश्वविद्यालय परिसर से आश्रम के पास मथुरा रोड, फ्रेंड्स कॉलोनी और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में सूर्या होटल तक विरोध-प्रदर्शन फैल गया। आंसू गैस का उपयोग करना सबसे अच्छा विकल्प था। यह गैर घातक और ज्यादा सुरक्षित है। 

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 9 जून से 4 अगस्त के बीच हांगकांग पुलिस ने कम से कम 1,000 राउंड आंसू गैस के गोले दागे। बता दें कि आंसू गैस को पुलिस के लिए भीड़ को तितर-बितर करने का सबसे बेहतर हथियार माना जाता है। 

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