BJP के दो विधायकों के कांग्रेस में जाने से संघ नाराज, उथल पुथल के बीच राजधानी में नेताओं का जमावड़ा

भोपाल
प्रदेश भाजपा में आने वाले दिनों में बड़े बदलाव की संभावनाएं बढ़ गई हैं। प्रदेश भाजपा में चल रही उथल पुथल के बीच राजधानी में संघ नेताओं का जमावड़ा अगले चार दिनों तक रहेगा। इसके लिए संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी भोपाल पहुंचने लगे हैं। इनकी बैठक में एमपी को लेकर संघ की आगामी रणनीति के साथ छत्तीसगढ़ भाजपा की गतिविधियों पर चर्चा होगी। संघ पिछले दिनों भाजपा के दो विधायकों के टूटने से नाराज है। इसके साथ ही मॉब लिंचिंग की घटनाओं के प्रचार को लेकर भी संघ की चिंता बढ़ी है जिसका तोड़ निकालने की कोशिश की जा रही है। संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार पिछले दिनों भोपाल दौरे के दौरान मॉब लिंचिंग को लेकर संघ की मंशा प्रकट भी कर चुके हैं और चूंकि एमपी की कांग्रेस सरकार मॉब लिंचिंग को लेकर संघ और भाजपा को घेरने की तैयारी कर रही है। इसलिए भी संघ और भाजपा की बैठकों में इस पर फोकस रहेगा।

लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा और संघ के वरिष्ठ नेताओं की बैठक होना तय थी लेकिन इस बैठक के पहले भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल द्वारा कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा ने प्रदेश में जिला स्तर पर चल रही भाजपा नेताओं के बीच खींचतान को सामने ला दिया है। इससे संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी और भाजपा के नए राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी नाराज हैं। बताया जाता है कि संतोष ने भी यह कहा है कि जिला स्तर पर अध्यक्षों और विधायकों के बीच चल रही गुटबाजी के कारण भी ऐसे हालात बनते हैं। यह संगठन की खींचतान का असर है। इसलिए 3 अगस्त से 6 अगस्त के बीच होने वाली अलग-अलग बैठकों में इस मुद्दे पर संघ और भाजपा नेताओं के बीच चर्चा होगी।

संघ की अलग-अलग बैठकें शारदा विहार, समिधा और अन्य स्थानों पर होना है। इसके लिए संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल भोपाल आ गए हैं। वहीं सर कार्यवाह सुरेश सोनी 4 से 6 अगस्त के बीच भोपाल में रहेंगे। इसके साथ ही सुरेश भैयाजी जोशी के आने की भी संभावना है। सुरेश सोनी विद्याभारती की बैठकों को संबोधित करेंगे, जिसमें खासतौर पर प्रदेश में सरस्वती स्कूलों की संख्या में वृद्धि और वहां के पठन पाठन पर फोकस किया जाएगा।

संघ और भाजपा की समन्वय बैठक 5 अगस्त को होना है। सूत्रों के अनुसार संघ के जितने भी पदाधिकारी अलग-अलग बैठकों में शामिल होने के लिए आ रहे हैं, उनके बीच समन्वय बैठक 5 अगस्त को होना है। इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी शामिल होने के लिए आ सकते हैं।

प्रदेश में मौजूदा समय में छह संभागीय संगठन मंत्री काम कर रहे हैं। संघ संभागीय संगठन मंत्रियों की पुरानी व्यवस्था लागू करने की तैयारी में भी है जिसमें 31 संगठन मंत्री हुआ करते हैं पर फिलहाल संघ नेताओं का मानना है कि कम से कम दस संगठन मंत्री व्यवस्था लागू होने तक काम करने चाहिए। संघ पदाधिकारी उज्जैन के संभागीय संगठन मंत्री प्रदीप जोशी कांड से भी नाराज हैं। ऐसे में प्रभार के सहारे चल रहे संगठन मंत्रियों के पदों पर नए लोगों को जिम्मेदारी दिए जाने पर भी इन बैठकों में सहमति बन सकती है।

सूत्रों के अनुसार रीवा के संभागीय संगठन मंत्री जितेंद्र लिटोरिया को हटाया जा सकता है वहीं शैलेंद्र बरुआ को एक दशक से यही जिम्मेदारी संभालने के बाद अब उन्हें नई जवाबदारी सौंपी जा सकती है। इन सब मसलों पर संघ पदाधिकारियों की बैठक में चर्चा होगी।

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