AK-47 के बाद अब आसमान में सबसे घातक सुसाइड ड्रोन उतारेगी रूसी कंपनी

 
मॉस्को

दुनिया में तहलका मचाने वाली AK-47 को बनाने वाली रूसी कंपनी क्‍लाशिनकोव अब उससे भी बड़ा खतरनाक हथियार लांच करने को तैयार है। अपनी घातक असाल्ट राइफल्‍स के बाद अब यह कंपनी सुसाइड ड्रोन की हकीकत को जमीन पर उतार रही है। इसकी पहली झलक अबुधाबी में लगे डिफेंस एग्‍जीबीशन में दिखाई दी। बता दें कि अबु धाबी में हर दो वर्ष में दुनिया की बड़ी हथियार कंपनियां अपने हथियारों को पेश करती हैं।

 इस बार यहां आने वाले क्‍लाशिनकोव के ड्रोन की धूम भी साफतौर पर दिखाई दे रही है। कंपनी का कहना है कि यह युद्ध के मायने बदलने में सहायक साबित होगा और जिस तरह से AK-47 को दुनिया के सभी देशों में तरजीह मिली है वैसे ही इसको भी कामयाबी मिलेगी। ये भी बता दें कि AK-47 दुनिया के उन चुनिंदा बेहद घातक हथियारों में से एक है जिसका लोहा आज भी माना जाता है। कई देशों की सेनाओं की पहली पसंद आज भी AK-47 बनी हुई है। इसको वेपन डिजाइनर के तौर पर करियर शुरू करने वाले मिखाइल क्‍लाशिनकोव ने बनाया था। कंपनी अपने सुसाइड ड्रोन को लेकर काफी उत्‍साहित है।
कंपनी ने इसको KUB-UAV नाम दिया है। कंपनी का यहां तक कहना है कि यह ड्रोन इस क्षेत्र में लड़ाई की तकनीक को बदलकर कर रख देगा। यह न सिर्फ दूसरे ड्रोन विमानों से सस्‍ता होगा बल्कि यह हैंडल करने में भी बेहद आसान होगा। यूं तो इस मेले में टैंक, आर्मर्ड व्‍हीकल और फाइटर जेट तक मौजूद हैं लेकिन इसके बाद भी सभी की निगाह इस ड्रोन पर जाकर ठहर रही है। कंपनी को उम्‍मीद है कि एके 47 की ही तरह ही यह दुनिया की पसंद बन जाएगा। उलेल्खनीय है कि सीरिया और अफगानिस्‍तान में मौजूद अपने सहयोगियों के लिए अमेरिका ने हाल ही में भारी मात्रा में इन राइफल्‍स को खरीदा है। यह अमेरिका में बनी असाल्‍ट राइफल्‍स से अधिक सस्‍ती है।
ये हैं खासियतें
रूस की हथियार बनाने वाली कंपनी रोस्‍टेक के चेयरमेन सर्गी शेमजॉव के मुताबिक क्‍लाशिनकोव ड्रोन ऑपरेट करने में आसान है और कारगर होने के साथ-साथ काफी सस्‍ता भी है।
यह करीब चार फुट चौड़ा है। यह 80 mph की रफ्तार से करीब 30 मिनट तक उड़ सकता है।
यह अपने साथ छह पाउंड एक्‍सप्‍लोसिव ले जा सकता है।
इसके साइज की बात करें तो यह करीब कॉफी टेबल के आकार का है।
कंपनी के मुताबिक यह किसी क्रूज मिसाइल की ही तरह है जिसमें ट्रागेट की जानाकारी फीड कर लॉन्‍च किया जाता है। इस ड्रोन को चालीस मील दूर मौजूद दुश्‍मन पर टार्गेट कर छोड़ा जा सकता है।
अमेरिकी प्रोफेसर निकोलस ग्रॉसमन ने भी इस ड्रोन की काफी तारीफ की है।
जानकारों की राय में यह ड्रोन एक बेहतर क्रूड होममेड डिवाइस है जिसका आने वाले समय में महत्‍व खास हो जाएगा।
हालांकि इसकी कीमत को लेकर कोई खुलासा अभी तक नहीं किया गया है। यह उन देशों को देखते हुए बनाया गया है जहां पर छोटी फौज है।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *