AIIMS में एक्सपायरी इंजेक्शन लगाने से वेंटिलेटर पर पहुंचा मरीज, दो फार्मासिस्ट बर्खास्त

रायपुर
 छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। एम्स के डॉक्टरों ने एक 67 वर्षीय मरीज को बिना देखे ही एक्सपायरी इंजेक्शन लगा दिया। इससे मरीज की हालत गंभीर हो गई और ठीक हो रहे मरीज को वापस वेंटीलेटर पर पहुंच गया।

डॉक्टरों की लापरवाही मामला उजागर होने के बाद एम्स ने दो फार्मासिस्टों को बर्खास्त कर दिया है। साथ ही तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम गठित की गई है, जो कि सप्ताहभर के भीतर जांच कर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

 

दरअसल, 67 साल के प्रकाश चंद्र जैन को फेफड़े में हो रही समस्या को लेकर बीते 24 अप्रैल को एम्स के ब्लॉक ए में 2ए3 में भर्ती किया गया था, जिसके बाद उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा था। इस पर डॉक्टरों ने 29 अप्रैल को सुपर पैनम (500 एमजी) नामक 9 एंटीबॉयोटिक इंजेक्शन लाने को कहा, जिसे उनके बेटे जिनेश जैन ने अमृत फार्मेसी से खरीदकर डॉक्टरों को दिया।

इस पर जैसे ही यह इंजेक्शन मरीज को लगने शुरू हुए उनकी हालत में सुधार होने के बजाए बिगडऩा शुरू हो गया और अंतत: मरीज वेंटीलेटर पर जा पहुंचा है। इस पर परिजनों ने उनके पास मौजूद इंजेक्शन के खाली डिब्बे की जांच की, तो पाया कि वह इंजेक्शन तो तीन माह पहले ही एक्सपायरी हो चुका है।

वहीं, अमृत फार्मेसी संचालक ने 9 इंजेक्शन में से 5 इंजेक्शन के एक्सपायरी होने की बात मरीज के परिजन को बताई, जिसकी रिकार्डिंग पत्रिका के पास मौजूद है। वहीं, एक खाली इंजेक्शन का डिब्बा भी इस पर मुहर लगाता है।

तीन सदस्यीय जांच दल गठित
एम्स में संचालित फार्मेसी में 85 फीसदी तक सस्ती दवाएं मिलती हैं। इसी फेर में परिजन दवाओं के लिए अमृत फार्मेसी का रूख करते हैं। वहीं, मामले के सामने आते ही एम्स प्रबंधन द्वारा अमृत फार्मेसी के दो फार्मासिस्टों को बर्खास्त कर दिया है।

साथ ही तीन डॉक्टरों के एक जांच दल का गठन भी कर दिया गया है, जो कि सप्ताहभर में मामले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट प्रबंधन को सौंपेगी। जिसके बाद इस तरह की लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदारों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

दो फार्मासिस्टों को किया गया बर्खास्त
एम्स रायपुर के अधीक्षक डॉ. अजय दानी ने कहा, शिकायत मिलने पर दो फार्मासिस्टों को बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम गठित की गई है, जो कि सप्ताहभर के भीतर जांच कर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

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