रजिस्टर्ड NRI वोटर्स में से 92 प्रतिशत केरल के निवासी

कोझीकोड 
मलयाली भाषी लोगों का राजनीति से गहरा लगाव है। वे चाहे दुनिया में कहीं भी रहें, वोट के लिए देश जरूर लौटते हैं। आंकड़ों के अनुसार देश से बाहर रहने वाले कुल रजिस्टर्ड एनआरआई वोटरों में से 92 प्रतिशत केरल के ही रहने वाले हैं।  

इस वक्त देश से बाहर रहने वाले एनआरआई में से बतौर वोटर्स 71 हजार 735 लोग रजिस्टर हैं। इसमें से 66 हजार 584 रजिस्टर्ड वोटर्स केरल के ही रहने वाले हैं। पिछले 5 सालों में केरल के एनआरआई वोटरों की संख्या में 5 गुना बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। 2014 में जहां यह आंकड़ा 12 हजार 653 था, तो वहीं 30 जनवरी 2019 में यह आंकड़ा 66 हजार 584 तक पहुंच गया है। 

हालांकि भारत की कुल एनआरआई आबादी लगभग एक करोड़ 30 लाख है। इनमें से 71 हजार 735 लोगों ने ही बतौर वोटर खुद को रजिस्टर कराया है, उनमें से 92 प्रतिशत केरल के निवासी हैं। केरल के 66 हजार 584 रजिस्टर्ड वोटर्स में से 3,729 महिलाएं हैं, जबकि 8 थर्ड जेंडर लोगों ने खुद को रजिस्टर कराया है। 

अगस्त 2018 में लोकसभा में एनआरआई वोटर्स को अपनी जगह प्रतिनिधि के तौर पर किसी परिचित को वोट डालने का अधिकार देने संबंधी बिल पास होने के बाद एनआरआई लोगों के समूह ने वोटर्स को रजिस्टर कराने के लिए ऑनलाइन अभियान चलाया था। अब रजिस्टर कराने के बाद एनआरआई अपने जिले में आकर वोट डाल सकते हैं। अभी ऑनलाइन वोटिंग का कोई प्रावधान नहीं है। 

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