राम मंदिर निर्माण में आने वाली बाधाएं दूर हों, जल्द निकले हल: RSS
ग्वालियर
अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता का रास्ता अपनाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के सर्वमान्य समाधान के लिए यह बड़ा फैसला दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 3 सदस्यीय पैनल भी गठित कर दिया है। उधर, ग्वालियर में चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रतिनिधि सभा की बैठक में मंदिर निर्माण में आने वाली रुकावटों को दूर करने की अपील की गई है। बता दें कि ग्वालियर में 8 से 10 मार्च तक संघ प्रतिनिधि सभा की बैठक का आयोजन किया गया है।
आरएसएस ने सबरीमाला मंदिर मामले का उदाहरण देते हुए सवाल उठाया कि आखिर न्याय प्रक्रिया तेज किए जाने के बावजूद राम जन्मभूमि मामले का समाधान क्यों अब तक नहीं निकल पाया है। हालांकि आरएसएस ने यह भी कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था में पूरा भरोसा है लेकिन इस मामले का हल जल्द निकलना चाहिए और मंदिर निर्माण के लिए आने वाली बाधाओं को दूर किया जाना चाहिए।
सबरीमाला का दिया उदाहरण
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की ग्वालियर में तीन दिवसीय बैठक के दौरान आरएसएस ने इन मुद्दों को उठाया। आरएसएस ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी के क्रम में सबरीमाला मंदिर का उदाहरण दिया। आरएसएस ने कहा, 'इस मामले में (सबरीमाला) किसी भी पक्ष यहां तक कि पीठ की एक मात्र महिला सदस्य के विचार को भी तवज्जो नहीं दिया गया। वहीं दूसरी तरफ राम जन्मभूमि का मामला लंबे समय से लंबित है। कानूनी प्रक्रिया तेज होने के बावजूद अब तक समाधान नहीं निकला और अब सुप्रीम कोर्ट का रुख हैरान करने वाला है।' आरएसएस ने कहा कि यह समझ से परे है कि हिंदुओं की आस्था से जुड़े इस संवेदनशील मामले को सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिकता नहीं दी।
'जल्द निकले राम मंदिर पर समाधान'
आरएसएस ने दो टूक कहा, हमें लगता है कि हिंदुओं की लगातार उपेक्षा हो रही है। न्याय व्यवस्था में भरोसा जताते हुए आरएसएस ने उम्मीद जताई की राम मंदिर मामले में जल्द समाधान निकलेगा और मंदिर निर्माण के लिए सभी बाधाओं को दूर कर लिया जाएगा।