छत्तीसगढ़ विधानसभा के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ ऐसा वाकया
रायपुर
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन बुधवार को भी विपक्षियों ने जमकर हंगामा किया. इसके अलावा बजट सत्र में एक अनोखा वाकया देखने को मिला. जब विभागीय तैयारी नहीं होने का हवाला देते हुए अनुदान मांगों पर चर्चा की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई. वहीं एनीकट में गड़बड़ियो और जांजगीर चांपा जिले की जेल में कैदियों की मौत का मामला सदन में जोर-सोर से उठा. प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष इन मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष पर हमलावारा रहा.
विधानसभा द्वारा निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के बजट अनुदान मांग पर चर्चा होनी थी, लेकिन विभागीय तैयारी नहीं होने के कारण विधानसभा गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. सरकार के इस रवैये की विपक्ष ने जमकर आलोचना की है और इसे गंभीर त्रुटि बताया है. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि साल 1990 से विधानसभा के इतिहास में यह पहली घटना है. यह गंभीर चूक है. सरकार की सोच बताती है कि सरकार के अधिकारी किस दिशा में सोच रहे हैं.
डॉ रमन ने कहा कि विभाग के बजट के लिए तारीख तय हो गई. विधायकों को प्रतिवेदन नहीं दिया गया. जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. नियमानुसार विधायकों को विभागीय प्रतिवेदन पहले ही दे दिया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
विधानसभा में कैदियों की मौत को लेकर तीखी नोंक झोक हुई. कैदियों के मौत के आंकड़े को लेकर पूछे गये सवाल पर बसपा विधायक केशव चंद्रा के सवाल पर भाजपा विधायकों ने भी साथ दिया. प्रश्नकाल में केशव चंद्रा ने जेल में कैदियों की मौत के आंकड़े की जानकारी मांगी. इस दौरान उन्होंने पूरक सवाल पूछते हुए जांजगीर जेल में हुई दो मौत का जिक्र किया. जबकि 2017-18 के सरकार की तरफ से दिये गये आंकड़ों में सिर्फ 1 कैदी की मौत की बात कही गयी है. इसको लेकर विपक्ष हमलावार रही.
राजिम कुंभ का नाम परिवर्तन का मुद्दा भी सदन में खूब गरमाया. बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्राचीन पुरानों का जिक्र करते हुए राजिम कुंभ का नाम परिवर्तित की वजह मंत्री ताम्रध्वज साहू से चाही. मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि राजिम कल्प कुंभ का नाम सिर्फ बदला है, उसके स्थान पर राजिम माघी पुन्नी मेला किया गया है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने जांजगीर चांपा में सोथी एनीकट निर्माण कार्य में अनियमितता किये जाने का मामला सदन में जमकर उठाया. इस पर सूबे के जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने सदन में दिया जवाब दिया और इस मामले में 4 अधिकारियों को सदन में ही निलंबित कर दिया.