एम्स रायपुर ने आंध्रप्रदेश के चिकित्सकों और मंगलागिरी एम्स के साथ साझा किए अनुभव
रायपुर
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर के चिकित्सकों ने कोरोना वायरस के उपचार से संबंधित अपने अनुभवों को देश के अन्य संस्थानों के साथ साझा करना शुरू कर दिया हैं। इस कड़ी में आंध्रप्रदेश के सभी मेडिकल कालेज और सीएमओ के साथ मंगलागिरी स्थित एम्स के चिकित्सकों ने रायपुर एम्स के साथ सेमीनार के माध्यम से यहां अपनाई गई उपचार की पद्धति और चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टॉफ के अनुभवों को जाना। यहां दस रोगियों के ठीक हो जाने पर सभी ने एम्स की टीम को बधाई दी और इस सफलता को अपने संस्थानों में दोहराने का संकल्प व्यक्त किया।
निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर के निर्देशन में उप-निदेशक (प्रशासन) नीरेश शर्मा, प्रो. अजॉय कुमार बेहरा सहित कोविड-19 के उपचार में जुटे चिकित्सकों ने आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, विभिन्न मेडिकल कालेजों और सीएमओ के साथ-साथ एम्स मंगलागिरी के साथ कोरोना वायरस को लेकर संवाद किया। इसमें एम्स रायपुर द्वारा कोरोना वायरस के उपचार में प्रयोग किए गए प्रोटोकॉल, ड्रग्स कंबीनेशन, चिकित्सकों और नर्सिंग स्टॉफ की शिफ्ट ड्यूटी, उन्हें डिसइंफेक्ट करना, लैब में सैंपल की टेस्टिंग से लेकर पूरे कैंपस को इंफेक्शन फ्री रखने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर प्रो. नागरकर ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की निरंतर सहायता का उल्लेख करते हुए रोगी की पहचान करने, उसके संपर्क में आने वालों को क्वारेंटाइन करने और रोगी का इलाज करने की प्रक्रिया के बारे में सभी को विस्तार से जानकारी प्रदान की।
प्रो. बेहरा ने बताया कि लगभग 60 चिकित्सकों और नर्सिंग स्टॉफ 12 घंटे की शिफ्ट में सात दिन तक वार्ड में रहता है और इसके बाद उन्हें 14 दिन क्वारेंटाइन में रहना होता है। इस दौरान आवश्यक सावधानियों के बारे में भी उन्हें बताया गया। अमेरिका से डॉ. वैधी भी इन सभी चिकित्सकों के साथ जुड़ी और उन्होंने अमेरिका में कोरोना वायरस की स्थिति और इलाज की पद्धति के बारे में बताया। सभी चिकित्सकों ने एक बार पुन: इसी प्रकार वेबीनार के माध्यम से जल्द ही एक दूसरे के अनुभवों को जानने का सुझाव दिया जिसे एम्स रायपुर ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।