खून से सने हैं डोनाल्ड ट्रंप के हाथ…रुला देगी न्यूयॉर्क के इस नर्स की कहानी
न्यूयॉर्क
'कोरोना वायरस के मरीजों से जूझ रहा हमारा अस्पताल 'सूइसाइड मिशन' पर है। हमारे पास न एन95 मास्क है और न ही वायरस से बचाने वाले सूट। यही नहीं हमें 12-12 घंटे की शिफ्ट में काम करना पड़ रहा। हमने अपनी एक साथी को हाल ही में किलर कोरोना के हाथों खो दिया है। अब यह डर सता रहा है कि अगर हम बीमार पड़े तो हमारी जगह कौन लेगा….।'
यह दर्द है अमेरिका में कोरोना वायरस का गढ़ बन चुके न्यूयॉर्क शहर के प्रतिष्ठित हॉस्पिटल जकोबी मेडिकल सेंटर में तैनात एक नर्स का। वही न्यूयॉर्क शहर जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां कभी रात नहीं होती है। वही न्यूयॉर्क शहर जहां पर रहना बहुतों का सपना होता है। जकोबी हॉस्पिटल में लंबे समय से काम करने वाली नर्स केली कबरेरा कहती हैं, 'इसी सप्ताह मरीजों का इलाज करते हुए एक नर्स कोरोना वायरस के संक्रमण में आ गई जिससे उसकी मौत हो गई।'
'साथी को कोरोना से जूझते देखना सबसे पीड़ादायक'
न्यूयॉर्क के अखबार डेली न्यूज से बातचीत में नर्स केली ने कहा, 'हमारी भी तबीयत अब खराब हो रही है। अगर हम बीमार पड़ गए तो हमारी जगह कौन लेगा।' इतना कहते हुए केली रो पड़ीं। उन्होंने बताया कि जकोबी हॉस्पिटल के ही एक डॉक्टर को मंगलवार को कोरोना से संक्रमण के लक्षण दिखाई दिए। उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है।'
केली कहती हैं, 'डॉक्टर ने घर पर इंतजार किया। डॉक्टर ने वही किया जो हम अन्य मरीजों को करने को कहते हैं। वह तब तक हमारे पास नहीं आए जब तक कि उन्हें केयर की जरूरत नहीं पड़ी। वह सांस नहीं ले सकते हैं। इस तरह मरीजों को देखना कठिन होता है और जब कोई अपना इस परिस्थति में पहुंच जाए तो यह देखना और ज्यादा मुश्किलभरा होता है।'
केली हफ्ते में चार दिन 12 घंटे मरीजों की सेवा कर रही हैं। कई बार तो बहुत ज्यादा कोरोना मरीज आ जा रहे हैं। इसी तरह से कोरोना की चपेट में आकर नर्स फ्रेडा ओकरान की पिछले दिनों मौत हो गई थी। पूरा अस्पताल कोरोना के मरीजों से भरा पड़ा है। उन्होंने कहा, 'हम सूइसाइड मिशन पर हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाथ खून से सने हुए हैं।' केली कहती हैं कि मीडिया में लगातार कवरेज के बाद भी अस्पतालों में कोरोना से स्टाफ को बचाने वाले कपड़े नहीं हैं। लेकिन ट्रंप पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा हे।
खुद ही बचाव के उपकरण खरीद रहे डॉक्टर
उन्होंने बताया कि कुछ डॉक्टर खुद ही बचाव के उपकरण खरीद रहे हैं। नर्स दान में मिली सामग्री से काम चला रही हैं। इन सबके बावजूद हेल्थ केयर वर्कर्स के संक्रमण का खतरा बना हुआ है। नर्सों को एक ही मास्क और गाउन कई-कई दिनों तक पहनना पड़ रहा है। इससे एक-दूसरे के संक्रमण का खतरा उत्पन्न हो गया है। हर बार जब हमें मरीजों के पास जाना होता है तो एन95 मास्क की जरूरत होती है लेकिन वह नहीं मिल रहा है।
अमेरिका में कोरोना वायरस से मरीजों के मौत का आंकड़ा अब चीन को भी पार कर गया है। अमेरिका में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बुधवार को चार हजार के पार पहुंच गई। यह संख्या देश में 11 सितंबर (9/11) को हुए आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों की संख्या से भी अधिक है। इस बीच शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस महामारी से एक लाख से दो लाख अमेरिकी लोग मारे जा सकते हैं।
न्यूयॉर्क में हर 6 मिनट पर एक मरीज की मौत
कोरोना की चपेट में आने से अमेरिका में हरेक ढाई मिनट पर एक व्यक्ति की मौत हो रही है। इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क शहर संक्रमित लोगों के मामले में किलर कोरोना वायरस के गढ़ चीन के हुबेई प्रांत से भी आगे निकल गया है। अमेरिका में अब तक 3,890 लोग मारे गए और यह आंकड़ा काफी बढ़ सकता है। अकेले न्यूयॉर्क शहर में ही हरेक 6 मिनट पर एक व्यक्ति की मौत हो रही है।
न्यूयॉर्क शहर में मरने वालों का आंकड़ा 1000 को पार कर गया है। बीती रात यहां पर कोरोना से मरने वालों की संख्या 182 बढ़ गई। न्यूयार्क शहर में 41,771 लोग कोरोना पॉजिटिव हैं। पूरा न्यूयॉर्क राज्य दुनिया में कोरोना महमारी का नया गढ़ बन गया है। यहां पर कोरोना संक्रमण के 75,795 मामले सामने आए हैं। वहीं चीन के हुबई प्रांत में कोरोना से संक्रमण के 67,801 मामले सामने आए थे। न्यूयॉर्क में मरने वालों की तादाद इतनी तेजी से बढ़ रही है कि लाशों को दफनाने में बेहद मुश्किल हो रही है।