83% पत्थरबाज उठाते हैं हथियार और बन जाते हैं आतंकीः सेना

 
श्रीनगर      
       
भारतीय सेना ने कहा है कि कश्मीर घाटी में आतंकी बनने की कहानी पत्थरबाजी के साथ शुरू होती है. पत्थरबाजी करने वाले 83 फीसदी स्थानीय लोग हथियार उठाते हैं और आतंकी बनते हैं. यह बात 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने कही है. उन्होंने कहा, 'हमने कश्मीर में आतंकवाद को लेकर गंभीरता के साथ विश्लेषण किया, जिसमें हमने पाया कि आतंकी बनने वाले स्थानीय लोगों में से 83 फीसदी वो होते है, जिनका इतिहास पत्थरबाजी का रहा है.'

लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने कहा, 'हम सभी माताओं से अपील करते हैं कि वो अपने बच्चों को पत्थरबाजी करने से रोकें. अगर आज आपका बच्चा 500 रुपये के लिए सेना पर पत्थर फेंकता है, तो वह कल आतंकवाादी बनेगा.' इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हालात काबू में हैं और काफी हद तक शांति है.

श्रीनगर में सिक्योरिटी फोर्सेस की ज्वॉइंट ब्रीफिंग के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर घाटी में शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में आईईडी का काफी खतरा है. हालांकि सुरक्षा बल लगातार सर्च ऑपरेशन चलाकर इससे प्रभावशाली ढंग से निपट रहे हैं. ढिल्लन ने बताया कि गुरुवार रात कश्मीर के शोपियां में सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों पर हमले की कोशिश हुई. इस दौरान पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की एक माइन को सीज किया गया.

इसके साथ ही सुरक्षा बलों को अमरनाथ यात्रा के रूट पर अमेरिकी M-24 स्नाइपर राइफल समेत कई हथियार बरामद हुए हैं. इस दौरान कश्मीर के आईजी एसपी पाणि ने बताया कि कश्मीर घाटी के पुलवामा और शोपियां समेत अन्य इलाके में 10 से ज्यादा बार बड़े आईईडी धमाके करने की कोशिश की गई. इसके अतिरिक्त जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह का कहना है कि कश्मीर घाटी और जम्मू रीजन में सक्रिय आतंकियों की संख्या में कमी आई है.

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