8 साल पहले हुआ था लापता, अब पता चला बन गया है माओवादी कमांडर

रायपुर
पुणे की कच्ची बस्ती से करीब 8 साल पहले एक युवक लापता हो गया, परिजन ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई, अखबारों में इश्तेहार निकले, उसे ढूंढने का काफी प्रयास किया गया लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला. अब उसका ठिकाना मिला है लेकिन जो जानकारी मिली वह उसके परिवार के साथ ही पुलिस के लिए भी बेहद चौंकाने वाली है. अब यह लापता युवक माओवादी कमांडर बन गया है और पुलिस की मोस्ट वांटेड सूची में दर्ज है. युवक का नाम संतोश वसंत शेलर है और हाल ही में छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से जारी की गई प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) कमांडरों की लिस्ट में उसका नाम राजनंद गांव के टांडा एरिया कमेटी के डिप्टी कमांडर के तौर पर दर्ज है.

विश्वा के नाम से जानते थे लोग

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संतोष को पुणे में लोग विश्वा के नाम से जानते थे. वह कासेवाड़ी कच्ची बस्ती में अपने परिवार के साथ रहता था. अचानक नवंबर 2010 में वह लापता हो गया. पहले तो उसके परिवार ने अपने ही स्तर पर उसे ढंढने का काफी प्रयास किया लेकिन उसका जब कुछ पता नहीं चला तो फरवरी 2011 में उसके परिवार ने खड़क पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी का मामला दर्ज करवा दिया.

छत्तीसगढ़ पुलिस ने अब प्रतिबंधित माओवादी कमांडरों की लिस्ट जारी की है. इसमें विश्वा नाम से संतोष का एक फोटो भी जारी किया गया है. इस फोटो में विश्वा हरी यूनिफॉर्म में अन्य माओवादियों के साथ खड़ा है. इसके साथ जानकारी दी गई है कि विश्वा की उम्र 28 साल है, वह पुणे का रहने वाला है और माओवादी गुरिल्लाओं में शामिल है. यह एरिया कमेटी डिप्टी कमांडर है और एक .303 राइफल अपने साथ रखता है. इस बात की नक्सल ऑपरेशन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जी एन बाघेल ने पुष्टी की.

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