6 साल से फरार सिमी कार्यकर्ता हैदराबाद में पुलिस के हाथ

रायपुर
 प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य अजहरुद्दीन उर्फ अजहर को पुलिस ने हैदराबाद में पकड़ लिया है। आरोपी को शुक्रवार देर रात रायपुर लाया गया। पुलिस के आला अफसरों की टीम उससे पूछताछ कर रही है। करीब 6 साल पहले रायपुर में सिमी का रैकेट फूटने के बाद से वह फरार था। यहां से भागकर वह सऊदी अरब चला गया। उसका परिवार हैदराबाद में बस गया। वह उन्हीं से मुलाकात करने आता था। पुलिस को इस बार पक्की सूचना मिली और छापा मारकर उसे पकड़ लिया गया। उसके खिलाफ सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज है। कोर्ट ने उसे वांटेड घोषित करते हुए स्थायी वारंट जारी किया था।

पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी। इस बार पुख्ता सूचना के बाद खुफिया पुलिस की टीम ने हैदराबाद में छापा मारा। आरोपी को सिविल लाइंस पुलिस को सौंप दिया गया है। राजातालाब इलाके का मोहम्मद अजहरुद्दीन उर्फ अजहर मूलत: रायपुर का रहने वाला है। उसका बड़ा भाई छत्तीसगढ़ पुलिस में है। 2013 में जब प्रतिबंधित संगठन सिमी का नेटवर्क फूटा था, तब अजहर का भी नाम सामने आया था।  

उस समय पुलिस ने 16 लोगों को गिरफ्तार था, लेकिन अजहर बचकर निकल गया। पड़ताल के दौरान के उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले। तब उसके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया। सूत्रों के अनुसार अजहर ने सिमी के कार्यकर्ताओं की रायपुर में मदद की थी। उन्हें यहां ठहरने के लिए जगह दिलाई। उसकी सिमी के कार्यकर्ताओं से बातचीत भी होती थी। उसके कॉल डिटेल में इसका खुलासा हुआ है।

दो को आजीवन कारावास और बाकी जमानत में : राजातालाब का उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन उर्फ अजहर को 2013 में पुलिस छापा मारकर गिरफ्तार किया था। दोनों पटना बोधगया ब्लास्ट की साजिश में भी शामिल थे। दोनों अभी बिहार जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। रायपुर में पकड़े गए 16 सिमी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर 2013 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ साजिश रची थी। उन्हें अंबिकापुर रोड शो के दौरान बम विस्फोट से उड़ाने योजना थी। इस साजिश में 17 साल के नाबालिग समेत अन्य लोग शामिल थे। आरोपियों की साजिश को नाकाम करते हुए छत्तीसगढ़ एटीएस ने उन्हें पहले ही पकड़ लिया। इसी में अजहर का भी नाम सामने आया था।

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