37 की उम्र में युवाओं के जोश को मात दे रहे धोनी और फेडरर

 
नई दिल्ली 

शुक्रवार को मेलबर्न में महज एक किलोमीटर के दायरे में खेल की दुनिया के दो सुपरस्टार मैदान पर थे। एक तरफ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ निर्णायक वनडे मैच में भारत की ओर से महेंद्र सिंह धोनी मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर मैच जिताऊ पारी खेल रहे थे वहीं दूसरी ओर रॉड लेवर अरीना में रोजर फेडरर ऑस्ट्रेलियन ओपन में अपनी धाक जमा रहा थे। जिस उम्र (37) में आमतौर पर प्लेयर्स के नाम के आगे ‘रिटायर्ड’ शब्द जुड़ जाता है, उसमें ये दोनों प्लेयर्स अपनी चमक को बरकरार रखते हुए युवाओं को चुनौती पेश कर रहे हैं।  

जीत से कम मंजूर नहीं 
धोनी ने मैच में 87 रन की नाबाद पारी खेलकर टीम इंडिया की जीत पक्की की वहीं फेडरर ने भी अमेरिका के टेलर फ्रिट्ज को 6-2, 7-5, 6-2 से हराकर ऑस्ट्रेलियाई ओपन के अंतिम 16 में अपनी जगह पक्की की। 

माइलस्टोन मैच 
इन दोनों के प्लेयर्स के लिए यह यादगार मैच था। जहां धोनी अपनी पारी के दौरान ऑस्ट्रेलियाई धरती पर 1,000 वनडे रन पूरा करने वाले चौथे भारतीय बने वहीं रोजर रोड लेवर अरीना में अपना 100वां मैच खेला। 

अभी तो पार्टी शुरू हुई है… 
दोनों ही प्लेयर्स के सामने यह सवाल आए दिन उठता रहा है कि कब रिटायर होंगे। लेकिन ये दोनों अपनी धुन में मग्न हैं। लगातार तीन वनडे में अर्धशतकीय पारी के साथ धोनी ने यह जता दिया है कि अभी उनमें बहुत क्रिकेट बाकी है और वह आगामी आईसीसी वर्ल्ड कप जरूर खेलेंगे, वहीं रोजर ने भी 21 साल के प्रतिद्वंद्वी टेलर को आसानी से मात देकर अपनी ताकत से सभी को वाकिफ कराया है। वह करियर में 99 खिताब जीत चुके हैं और ऑस्ट्रेलियन ओपन खिताब के साथ वह करियर में खिताबों की सेंचुरी लगाने पर अपना फोकस बनाए हुए हैं। 

रोजर फेडरर ने कहा, 'मुझे कोई चोट नहीं है और मैं खेल को एंजॉय कर रहा हूं। मेरे बच्चे मजे में हैं। पत्नी खुश हैं। जहां तक मोमेंट की बात है तो मुझे कोई शिकायत नहीं है और फिलहाल रिटायरमेंट का भी कोई प्लान नहीं है। मैं आज अपने जीवन में और अपने करियर में जहां हूं उससे बहुत खुश हूं।' 
 

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