3500 टन कोयला निकला दीपका खदान से

कोरबा
 दीपका खदान के अपर कुसमुंडा क्षेत्र में मिट्टी निकासी के साथ ही अब कोयला उत्खनन शुरू हो गया है। लगभग साढ़े तीन हजार टन कोयला प्रबंधन ने इस क्षेत्र से निकाला है। इसके साथ ही अब धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ाने की कवायद की जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि शनिवार से निजी कंपनी भी कोयला उत्खनन का काम शुरू करेगी।

लीलागर नदी का पानी खदान में भरने के कारण एसईसीएल की दीपका खदान में रविवार से उत्पादन ठप हो गया था। खदान में अब स्थिति सामान्य होते जा रही है। प्रबंधन ने खदान के अपर कुसमुंडा क्षेत्र में 42 क्यूबिक मीटर क्षमता की सावेल, 240 टन क्षमता के चार डंपर, 10 क्यूबिक मीटर की दो सावेल व सौ टन क्षमता के डंपर लगाकर काम शुरू किया था।

इसके साथ ही कोयला पेंच सामने आने पर प्रबंधन ने कोयला निकालना भी आरंभ कर दिया है। बताया जा रहा है कि दो दिन के भीतर साढ़े तीन हजार टन से ज्यादा कोयला निकाल लिया गया है। कर्मियों को धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ाने कहा गया है। इसके साथ ही कोयला उत्खनन करने निजी कंपनी को साइड सौंप दिया जाएगा।

उधर पुराना मलगांव एरिया में सीधे कोयला निकालने की कवायद प्रबंधन ने शुरू कर दी है। इस स्थल से तीन रैक कोयला प्रतिदिन मिलने की उम्मीद है। वर्तमान में प्रबंधन ने कोयला स्टॉक करना शुरू कर दिया है। इसके बाद मालगाड़ी से एनटीपीसी सीपत परियोजना भेजा जाएगा।

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