3200 करोड़ के फंड में हेराफेरी,सरकार को हाई कोर्ट का नोटिस

नई दिल्ली

प्रवासी मजदूरों के 3200 करोड़ के फंड में हेराफेरी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में लगाई गई एक जनहित याचिका पर कोर्ट ने जवाब मांगा है. दिल्ली सरकार और दिल्ली बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड को इस मामले में नोटिस दिया गया है. कोर्ट ने सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है.

आरोप है कि मजदूरों का फंड दर्जी, नाई और टैक्सी ड्राइवरों में लॉकडाउन के दौरान बांट दिया गया. याचिका लगाने वाले वकील योगेश पचौरी और आर बालाजी ने अपनी शिकायत में कहा है कि दिल्ली सरकार के लेबर मिनिस्ट्री के दिल्ली बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड के अधीन ये तमाम गड़बड़ियां हुई हैं. याचिका में दावा किया गया है कि इन फर्जी श्रमिकों को अलग-अलग यूनियन के माध्यम से सर्टिफाई भी कराया गया. ये तमाम यूनियन पिछले चार-पांच साल के दौरान ही बनाई गई हैं.

याचिका में कहा गया है कि जिन लोगों को प्रवासी श्रमिक बता कर यह फंड वितरित किया गया, उन सभी से इन यूनियन के लोगों ने 500 से 1000 रुपए तक की अवैध रूप से वसूली की. याचिका में कहा गया है कि इस मुश्किल वक्त में भी प्रवासी मजदूरों को उनका हक देने के बजाय उनका पैसा उन लोगों में बांट दिया गया जो प्रवासी मजदूर नहीं थे. ऐसे में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई या फिर किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने की जरूरत है.

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