30 के बाद इस प्रोटीन को जरुर खाएं, बढ़ती उम्र रुक सी जाएंगी

 

अगर बढ़ती उम्र में भी आप खूबसूरत और जवां बना रहना चाहते है तो आपको कोलेजन प्रोटीन के बारे में मालूम होना चाहिए। कोलेजन प्रोटीन न केवल मसल्‍स और हमारी हड्डियों को मजबूत बनाती है। बल्कि ये चेहरे की कसावट और सुंदरता को भी बनाएं रखता है।

एक उम्र के बाद जैसे -जैसे शरीर से कोलेजन प्रोटीन का स्‍तर कम होने लगता है, हमारे चेहरे और बढ़ती उम्र के न‍िशान नजर आने लगते हैं। इसल‍िए बढ़ती उम्र में कोलेजन बहुत जरुरी होता है। आइए जानते है कि क्‍यों होता है जरुरी और कैसे हम शरीर को कोलेजन प्रोटीन की पूर्ति कर सकते हैं।

क्‍या है कोलेजन प्रोटीन?

ये शरीर में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है, जो हड्डियों, कार्टिलेज और स्किन को हेल्दी रखने में काम आता है। बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य के लिए यह सबसे जरूरी प्रोटीन है। अगर बॉडी में कोलेजन लेवल कम होने लगता है, तो हड्डियों का कमजोर होना, स्किन पर रिंकल्स आना और जोड़ों में दर्द जैसी प्रॉब्लम्स आने लगती हैं। इसलिए अगर आप स्‍वस्‍थ और सुंदर रहना चाहते हैं तो अपनी डाइट में कोलेजन प्रोटीन को जरूर शामिल करें।

क्‍यों है जरूरी?

कोलेजन मानव शरीर में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है, जो हड्डियों, मांसपेशियों, त्वचा और टेंडन (हड्डियों और मांसपेशियों को आपस में जोडऩे वाला एक मुख्य तत्व) में मौजूद होता है। कोलेजन समग्र शरीर में मौजूद प्रोटीन का 25 से 35 प्रतिशत अंश बनाता है। कोलेजन को आपके शरीर की बनावट और ताकत के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।

कैसे घटता है कोलेजन का स्‍तर

25 साल की उम्र के बाद से शरीर से कोलेजन की मात्रा कम होने लगती है। 35 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते कोलेजन का स्‍तर कम होने की वजह से चेहरे पर लक्षण नजर आने लगते है जिसे हम एजिंग कहते हें। जैसे-जैसे कोलेजन कम होता है, एपिथेलियल संरचनाएं कमजोर हो जाती हैं। त्वचा और पतली हो जाती है, बाल कमजोर होकर टूटने लगते हैं। त्‍वचा पर झुर्रियां दिखाई देने लगती हैं। धूप, धूम्रपान, प्रदूषण, तनाव, बहुत ज्‍यादा शारीरिक श्रम भी कोलेजन के शरीर से कम होने की वजहें हैं। महिलाओं में मेनोपाज और उम्र बढ़ने के दौरान हार्मोन के उत्पादन में कमी से भी कोलेजन का उत्पादन कम हो जाता है।

जानें कैसे मिलता है कोलेजन

मांसाहारी स्‍त्रोत : मांस, चिकन, पोर्क (खास तौर से पैर), पोर्क स्किन, हड्डी का सूप, मछली, सामन और ट्यूना भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

शाकाहारी स्रोत : लाल रंग के फल और सब्जियों में कोलेजन की अच्‍छी मात्रा होती है। सेब, स्ट्रॉबेरी, चेरी, चुकंदर, रेड पेप्पर्स, मिर्च, वगैरह जैसे लाल फल और सब्जियों में लाइकोपीन होता है। यह पदार्थ एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट होने के अलावा, कोलेजन के उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करता है। साथ ही वे फल जिनमें विटामिन सी पर्याप्‍त मात्रा में होता है।

 

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