3 देशों में बढ़ाया भारत का मान, ‘विजय यात्रा’ से वापस लौटे PM मोदी

नई दिल्ली 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के दौरे के बाद मंगलवार को वतन वापसी कर रहे हैं. उनकी यात्रा 22 अगस्त को फ्रांस से शुरू हुई थी जिसके बाद यूएई और बहरीन होते हुए 26 अगस्त को फ्रांस आकर ही खत्म हुई है. भारत के लिहाज से कूटनीतिक तौर पर पीएम मोदी का यह दौरा काफी अहम रहा. एक तरफ जहां पीएम मोदी को यूएई का सर्वोच्च सम्मान दिया गया, वहीं फ्रांस में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के दौरान कश्मीर पर पूरी दुनिया के सामने भारत का पक्ष मजबूती से रखा है.

देश के भीतर कश्मीर का मुद्दा गरमाया हुआ है और इस बीच दुनिया में भारत की धाक बढ़ाकर पीएम मोदी स्वदेश वापसी कर रहे हैं. उनके लिए इस दौरान मुश्किल क्षण भी रहे जब उन्हें अपने दोस्त और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन की खबर बहरीन में मिली. हालांकि राष्ट्र कर्तव्य को ऊपर रखते हुए पीएम मोदी आगे बढ़े और अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करते रहे. इन तीन देशों के दौरे से भारत के काफी कुछ हासिल हुआ है.

UAE का सर्वोच्च सम्मान

पीएम मोदी दुनिया के तीन देशों में भारत और भारतीयों का मान बढ़ाकर स्वदेश वापसी कर रहे हैं. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने देश के सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ से नवाज़ा, जो कि भारत के लिए गर्व की बात है. पीएम मोदी ने इस सम्मान को 130 करोड़ भारतीयों का सम्मान बताया है. यूएई के इस कदम से पाकिस्तान को तीखी मिर्ची लगी है. कश्मीर पर पहले से ही बौखलाए पाकिस्तान ने पीएम मोदी को मिले इस सम्मान के बाद अपना गुस्सा जाहिर किया. पाकिस्तान सीनेट के चेयरमैन सादिक संजरानी ने विरोध स्वरूप अपना UAE दौरा तक रद्द कर दिया.

 
प्रधानमंत्री के यूएई दौरे पर क्राउन प्रिंस और पीएम मोदी ने संयुक्त रूप से महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के लिए एक डाक टिकट भी जारी किया. यह टिकट दुनिया में महात्मा गांधी और उनके मूल्यों की स्वीकार्यता का प्रतीक है जो कि भारत के लिए सम्मान का विषय है. इसी के साथ पीएम मोदी विदेशों में भी कैशलेस लेनदेन के नेटवर्क का विस्तार करने के लिए औपचारिक तौर पर भारत के RuPay कार्ड को यहां लॉन्च किया. मध्य पूर्व में यूएई पहला ऐसा देश है, जहां RuPay कार्ड की शुरुआत की गई.

बहरीन से कई करार

बहरीन में भी प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया. भारत का कोई भी प्रधानमंत्री अब तक बहरीन के दौरे पर नहीं गया था, नरेंद्र मोदी ऐसा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं. यहां पर प्रिंस खलीफा ने पीएम मोदी को विशेष आदर देते हुए एयरपोर्ट पर रिसीव किया. पीएम मोदी को यहां बहरीन के सम्मान 'द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां' से नवाजा गया. बहरीन के राजा हमाद बिन इसा अल खलीफा के साथ बैठक से पहले पीएम मोदी ने बहरीन नेशनल स्टेडियम में एक कार्यक्रम में 15 हजार भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया.
 
दोनों मुल्कों के बीच अंतरिक्ष, संस्कृति, अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और रुपे कार्ड से संबंधित करार भी हुए. अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ISRO और बहरीन की राष्‍ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान एजेंसी के बीच सहयोग पर सहमति बनी है. साथ ही भारत और बहरीन के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एजेंडा भी तय हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां बहरीन के प्रधानमंत्री प्रिंस खलीफा बिन सलमान अल खलीफा से मुलाकात की. दोनों नेताओं की ओर से द्विपक्षीय संबंधों को नए स्तर तक पहुंचाने पर जोर दिया गया.

फ्रांस से PAK को जवाब

बहरीन के बाद फ्रांस पीएम नरेंद्र मोदी की यात्रा का आखिरी पड़ाव रहा. यहां पीएम मोदी को दुनिया के एलीट क्लब G-7 समिट में शिरकत की. भारत विकसित देशों के इस समूह का हिस्सा नहीं है, लेकिन मेजबान देश फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के विशेष आग्रह पर पीएम मोदी ने इस समिट में हिस्सा लिया. समिट से इतर पीएम मोदी ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन से मुलाकात कर रक्षा, सुरक्षा और व्यापार समेत कई मुद्दों पर चर्चा की. इसके बाद पीएम मोदी राष्ट्रपति मैक्रों की ओर से आयोजित डिनर में मेहमान बनकर पहुंचे.
 

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