22 बागी कांग्रेस विधायकों में से 13 नहीं छोड़ना चाहते हैं पार्टी, हम बहुमत साबित करेंगे: दिग्विजय सिंह

नई दिल्ली
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार की एक तरह से उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। वजह यह है कि सिंधिया खेमे के 22 विधायकों ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। स्पीकर को अभी इस पर फैसला लेना है। हालांकि, कांग्रेस का दावा है कि उसके पास बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा है और वह सदन में फ्लोर टेस्ट जरूर जीतेगी। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को दावा किया कि 22 बागी कांग्रेस विधायकों में से 13 पार्टी नहीं छोड़ना चाहते हैं।

शुरू हुआ रेजॉर्ट पॉलिटिक्स का दौर
मध्य प्रदेश का सियासी ड्रामा आने वाले दिनों में और तेज होने वाला है। कर्नाटक की तरह ही यहां भी रिजॉर्ट पॉलिटिक्स शुरू हो चुकी है। पार्टी में टूट के बाद कांग्रेस जहां बाकी बचे विधायकों को बचाने के लिए जयपुर ले गई है। दूसरी तरफ, बीजेपी भी अपने विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल में ठहराई है। जाहिर है कि दोनों ही पार्टियों को आशंका है कि उसके कुछ विधायक टूट सकते हैं, इसलिए अपने-अपने विधायकों को 'सुरक्षित' रखने की जद्दोजहद में हैं।

कांग्रेस का दावा- बागी विधायकों को गुमराह किया गया
दिग्विजय सिंह ने बुधवार को दावा किया कि बागी कांग्रेस विधायकों को गुमराह करके बेंगलुरु ले जाया गया। उनसे कहा गया था कि यह इसलिए किया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने के लिए दबाव डालना है। दिग्विजय ने साथ में यह भी दावा किया कि कमलनाथ सरकार सदन में आसानी से बहुमत साबित कर लेगी।

22 बागी में से 13 विधायक नहीं छोड़ना चाहते कांग्रेस: दिग्विजय
दिग्विजय सिंह ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया कि सिंधिया के करीबी 2-3 मंत्रियों के अलावा 10 बागी विधायकों ने भी भरोसा दिलाया है कि वे कांग्रेस को नहीं छोड़ेंगे। सिंह ने कहा, 'सभी 22 विधायक कांग्रेस के सदस्य हैं और माधव राव सिंधिया के जमाने से ये विधायक सिंधिया ग्रुप के साथ रहे हैं। ये सभी विधायक उनके साथ इसलिए थे क्योंकि वे कांग्रेस में थे।' दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस बागी विधायकों के परिवार वालों के संपर्क में है। उन्होंने कहा, 'हम शांत नहीं बैठ हैं। हम सो नहीं रहे हैं।'

हमें यह अंदाजा नहीं था कि सिंधिया पार्टी ही छोड़ देंगे: दिग्विजय
दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेताओं से यह समझ पाने में गलती हुई कि सिंधिया कांग्रेस छोड़ने जैसा कदम उठा सकते हैं। उन्होंने कहा, 'यह गलती हमसे हुई कि हम यह नहीं समझ पाए कि वह कांग्रेस छोड़ देंगे। कांग्रेस ने उन्हें क्या नहीं दिया। चार बार सांसद बनाया, दो बार केंद्रीय मंत्री बनाया और कार्य समिति का सदस्य बनाया।'

सियासी ही नहीं, मनोवैज्ञानिक 'युद्ध' भी जारी
मध्य प्रदेश कांग्रेस के सभी 22 बागी विधायक बीजेपी शासित कर्नाटक के बेंगलुरु में हैं। कांग्रेस ने अपने बाकी और निर्दलीय विधायकों को राजस्थान के जयपुर में ठहराया है जहां उसकी सरकार है। इसी तरह बीजेपी ने अपने सभी विधायकों को हरियाणा के गुरुग्राम में ठहराया है, जहां उसकी सरकार है। कांग्रेस बाकी बचे विधायकों को टूटने से बचाने की जद्दोजहद में है तो बीजेपी भी ऐसी ही आशंका को टालने के लिए अपने विधायकों को 'सुरक्षित' ठिकाने पर रखी है। इस सियासी लड़ाई के साथ-साथ यह जताने के लिए कि 'सब ठीक है', मनोवैज्ञानिक युद्ध भी जारी है।

विडियो जारी कर बोले बागी- हर कदम पर सिंधिया के साथ
22 विधायकों की बगावत के बाद कमलनाथ सरकार का जाना बस वक्त की बात रह गई है। लेकिन कांग्रेस ने हिम्मत नहीं हारी है या यूं कहिए कि पार्टी कम से कम ऐसा नहीं दिखना चाहती कि उसने हथियार डाल दिए हैं। इसी कड़ी में दिग्विजय सिंह और शोभा ओजा जैसे कांग्रेस नेता मीडिया में लगातार यह बयान दे रहे हैं कि कमलनाथ सरकार पर कोई खतरा नहीं है। 22 बागी विधायक बेंगलुरु में ठहरे हैं। उनके मोबाइल फोन स्विच्ड ऑफ हैं। कांग्रेस दावा कर रही है कि वे उनके संपर्क में हैं और वे घर वापसी चाहते हैं। कांग्रेस के इस दांव की काट के लिए कुछ बागी विधायकों की तरफ से विडियो जारी कर कहा गया है कि वे पूरी तरह सिंधिया के फैसले के साथ हैं।

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