2036 राष्ट्रपति रहें पुतिन, संविधान संशोधन पर शुरू हुआ मतदान

मॉस्को
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 2036 तक पद पर बने रहने का अवसर देने संबंधी संविधान संशोधन पर सप्ताह भर चलने वाली मतदान प्रक्रिया गुरुवार को शुरू हुई। संविधान संशोधन पर जनवरी में प्रस्तावित मतदान 22 अप्रैल को होना था लेकिन COVID-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था। बाद में 1 जुलाई की तारीख तय की गई और मतदान केंद्र एक सप्ताह पहले खोल दिए गए हैं ताकि मुख्य मतदान दिवस पर भीड़भाड़ से बचा जा सके।

6 साल का होता है कार्यकाल
दो दशक से रूस पर शासन कर रहे 67 वर्षीय पुतिन का कार्यकाल 2024 में समाप्त होगा। संविधान संशोधन के जरिये अगले दो कार्यकाल के लिए उन्हें फिर से सत्ता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। रूस में राष्ट्रपति का कार्यकाल छह साल का होता है। अन्य संशोधनों में सामाजिक लाभ, स्त्री-पुरुष विवाह की परिभाषा तय करना और सरकार के भीतर शक्ति के बंटवारे इत्यादि मुद्दों पर निर्णय होना है।

लोकतांत्रिक मान्यता देने की कोशिश
संशोधनों को संसद के दोनों सदनों से पारित किया जा चुका है और पुतिन के हस्ताक्षर होने के बाद कानून भी बन चुके हैं। विवादास्पद संशोधनों पर मतदान करा कर इसे लोकतांत्रिक मान्यता देने का प्रयास किया जा रहा है। संशोधनों के पक्ष में लोगों को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

दी जा रहीं कारें, फ्लैट
इसके लिए उपहार के तौर पर कारें और फ्लैट दिए जाने की योजनाएं लाई गई हैं, विख्यात लोगों के माध्यम से पक्ष में मतदान करने की अपील की जा रही है, सरकारी अस्पतालों और स्कूलों के कर्मचारियों पर भी मतदान का दबाव बनाया जा रहा है। हालांकि देश का विपक्ष बंटा हुआ है और वह चुनाव अभियान के दौरान प्रभावी रूप से विरोध दर्ज कराने में असफल रहा है। मॉस्को के अधिकारियों ने मतदान करने वालों को उपहार देने के लिए दस अरब रूबल (साढ़े चौदह करोड़ डॉलर) आवंटित किए हैं।

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