2019 लोकसभा चुनाव: अमेठी में उत्साहित है कांग्रेस, बीजेपी ने कहा- अब गांधी परिवार का दबदबा नहीं

 अमेठी 
पिछले लोकसभा चुनाव में यूपीए की बड़ी हार और कांग्रेस के उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में अमेठी की सभी सीटें गंवाने के बाद शायद यह पहली बार है जब कांग्रेस के कार्यकर्ता उत्साहित हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अमेठी में राहुल गांधी को बधाई देते 'अमेठी के एमपी, 2019 के पीएम' और '2018 के विजेता का 2019 में स्वागत' लिखे पोस्टर लगाए गए हैं। दूसरी ओर 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल को कड़ी टक्कर देने वाली स्मृति इरानी इसके विपरीत परिणाम आने को लेकर आश्वास्त हैं। 

राहुल का महत्व राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ा है। पार्टी का कहना है कि अमेठी में अब मुश्किल नहीं होनी चाहिए। अमेठी में कांग्रेस के प्रमुख योगेन्द्र मिश्रा ने स्वीकार किया 2014 के परिणाम से पार्टी कार्यकर्ता हतोत्साहित हो गए थे, लेकिन अब उनकी निराशा उत्साह में तब्दील हो गई है। उन्होंने कहा, 'राहुल जी इस बार अमेठी से अब तक के सबसे बड़े अंतर से जीतेंगे।' 

'अब गांधी परिवार का दबदबा नहीं रहा' 
वहीं स्मृति इरानी ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया, '2014 में अमेठी की 5 विधानसभा सीटों में से एक भी हमारे पास नहीं थी। अब हमने इनमें से 4 हासिल कर ली हैं और स्थानीय निकाय की सीटें भी जीती हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र पर अब गांधी परिवार का दबदबा नहीं रहा। अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व को स्वीकार नहीं किया जा रहा। 2014 के बाद से सभी चुनाव में उन्हें यहां हार मिली है।' 

इरानी ने कहा कि अमेठी की सभी 850 ग्राम पंचायतें में वह गई हैं, लेकिन 'इन ग्राम पंचायतों ने पिछले वर्षों में राहुल गांधी को नहीं देखा।' कांग्रेस का कहना है कि अमेठी के लोकसभा चुनाव में गांधी परिवार से हमेशा भावनात्मक जुड़ाव रहा है और यह विधानसभा चुनाव से अलग है। 

'बीजेपी ने गलत प्रचार किया'
योगेन्द्र मिश्रा ने कहा, 'आप यहां बीजेपी का गलत प्रचार देखिए- 2014 तक राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम 95 फीसदी तैयार था। लेकिन केंद्र की सत्ता में आते ही बीजेपी ने इसका शिलान्यास कर ऐसा दिखाया जैसे हमने कुछ किया ही नहीं।' कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी कोई बड़ा नया प्रॉजेक्ट अमेठी में नहीं लाई है। 

इरानी ने बताया कि 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद अमेठी की 121 ग्राम पंचायतों में बिजली पहुंची। इससे पहले ये अंधेरे में थीं। उन्होंने कहा कि 2014 तक अमेठी में ऑप्टिकल फाइबर नहीं था, जबकि अब यह 270 किलोमीटर में बिछ चुका है। बीजेपी कहती है कि 2014 के चुनाव में हार के बावजूद इरानी ने अमेठी के करीब 30 दौरे किए हैं, जो राहुल गांधी से कहीं अधिक हैं। 
 

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