200 साल पुराने इस किले पर हर साल क्यों गिरती है बिजली? आज तक नहीं सुलझा रहस्य

भारत में ऐसी कई रहस्यमयी जगहें हैं, जहां अजीबोगरीब घटनाएं घटती रहती हैं। ऐसी ही एक जगह झारखंड के रांची में भी है। दरअसल, यहां एक रहस्यमयी किला है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इस किले पर हर साल आसमान से बिजली गिरती है, लेकिन इस रहस्य को आज तक कोई भी सुलझा नहीं पाया है कि ऐसा क्यों होता है?

इस किले को राजा जगतपाल सिंह के किले के नाम से जाना जाता है। लगभग 200 साल पुराना यह किला रांची से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पिठौरिया गांव में है। किसी जमाने में यह किला 100 कमरों वाला एक विशाल महल हुआ करता था, लेकिन वज्रपात के कारण यह किला अब पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुका है।

गांव वालों के मुताबिक, इस किले पर हर साल बिजली एक क्रांतिकारी द्वारा राजा जगतपाल सिंह को दिए गए श्राप के कारण गिरती है। वैसे तो आसमानी बिजली का गिरना एक प्राकृतिक घटना है, लेकिन एक ही जगह पर सालों से बिजली का गिरना लोगों को जरूर सोचने पर मजबूर कर देता है।

वैसे तो इस किले के राजा जगतपाल सिंह अपनी प्रजा में काफी लोकप्रिय थे और उन्हें एक अच्छा राजा माना जाता था, लेकिन उनके द्वारा की गई कुछ गलतियों के कारण उनका नाम इतिहास में एक गद्दार के रूप में भी दर्ज है।

कहा जाता है कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में राजा जगतपाल सिंह ने अंग्रजों की मदद की थी। वो क्रांतिकारियों से जुड़ी हर खबर अंग्रेजों तक पहुंचाते थे। कहते हैं कि एक क्रांतिकारी विश्वनाथ शाहदेव ने उनसे नाराज होकर उन पर हमला बोल दिया था, जिसके बाद राजा ने उन्हें पेड़ पर फांसी पर लटका दिया था।

लोगों का मानना है कि क्रांतिकारी विश्वनाथ शाहदेव ने ही अंग्रेजों का साथ देने और देश के साथ गद्दारी करने पर राजा जगतपाल सिंह को यह श्राप दिया था कि आनेवाले समय में जगतपाल सिंह का नामोनिशान नहीं रहेगा और उनके किले पर हर साल उस समय तक बिजली गिरती रहेगी, जब तक कि किला पूरी तरह बर्बाद नहीं हो जाता।

हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि इस किले पर बिजली इसलिए गिरती है, क्योंकि यहां मौजूद ऊंचे पेड़ और पहाड़ों में लौह-अयस्क की मात्रा बहुत ज्यादा है, जो आसमानी बिजली को अपनी तरफ आकर्षित करती है। लेकिन लोग इस तथ्य को सिरे से खारिज कर देते हैं। उनका कहना है कि जब यह किला आबाद हुआ करता था, उस समय भी तो यहां के पहाड़ों में लौह-अयस्क मौजूद थे और अभी के हिसाब से ज्यादा ही थे। फिर उस समय किले पर बिजली क्यों नहीं गिरती थी?

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