1975 के बाद चीन के साथ हिंसक झड़प में पहली बार हुई सैनिकों की शहादत

नई दिल्ली
पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर पिछले डेढ़ महीने से ज्यादा समय से जारी तनाव और अधिक बढ़ गया है। गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक टकराव के दौरान हमारे एक अफसर और दो सैनिक शहीद हो गए। इसके अलावा चीन के भी सैनिक मारे गए हैं। साल 1975 के बाद पहली बार ऐसा मौका है, जब भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प में सैनिकों की शहादत हुई है। साल 1975 में अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में पेट्रोलिंग के दौरान असम राइफल्स के चार जवान शहीद हो गए थे। भारत सरकार ने कहा था कि 20 अक्टूबर, 1975 को चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएएसी) को पार करते हुए भारतीय सीमा में हमला किया था लेकिन चीन ने इससे इनकार किया था। हमेशा की तरह चीन ने घटना के लिए उल्टा भारत को ही जिम्मेदार ठहराया दिया था। चीन के विदेश मंत्रालय ने तब एलएसी पार करने और एक चीनी पोस्ट पर गोलीबारी करने का आरोप लगाया था। चीन की पूर्व विदेश सचिव और राजदूत, निरुपमा राव कहती हैं कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर हम अक्सर साल 1967 को याद करते हैं और बताते हैं कि अंतिम बार गोलीबारी की गई थी, लेकिन हमें आठ साल बाद (साल 1975) के मामले को भी नहीं भूलना चाहिए। वह एक घात लगाकर किया गया हमला था, जिसमें हमारे चार जवान शहीद हो गए थे।

वर्ष 1967 में चीन पर भारी पड़ा था भारत

दोनों देशों के बीच में कोई बड़ा संघर्ष 1967 में सिक्किम में देखने को मिला था। साल 1962 में भारत-चीन के बीच युद्ध के पांच साल बाद भारत ने सिक्किम में तकरीबन 400 चीनी सैनिकों को मार गिराया था। हालांकि, इस संघर्ष में भारत ने भी अपने 80 सैनिक खो दिए थे। भारत ने चीन के सैनिकों की ओर से हमला किए जाने के बाद कार्रवाई की थी। सिंतबर और अक्टूबर, 1967 में नाथू ला और चो ला इलाके में दोनों देशों के बीच टकराव हुआ था। 

पांच मई को आपस में भिड़ गए दोनों देशों के सैनिक

भारत और चीन के बीच तनाव तब शुरू हुआ था, जब पांच मई को दोनों देशों के सैनिक गत पांच और छह मई को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो क्षेत्र में आपस में भिड़ गए थे। पांच मई की शाम को चीन और भारत के 250 सैनिकों के बीच हुई यह हिंसा अगले दिन भी जारी रही थी। इसके बाद नौ मई को उत्तर सिक्किम सेक्टर में भी इस तरह की घटना हुई थी। भारत-चीन सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी को लेकर है। इसके बाद दोनों सेनाओं ने बातचीत के जरिए से सीमा विवाद हल करने की कोशिश की थी।

हाल ही में डेढ़ किलोमीटर तक वापस हुई थी चीनी सेना

पिछले दिनों चीनी सेना ने कुछ इलाकों से अपने कदम पीछे खींचे थे। सूत्रों के हवाले से सामने आया था कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बातचीत के दौरान पूर्वी लद्दाख के कई क्षेत्र से चीन की सेना डेढ़ किलोमीटर पर वापस लौट गई थी। वहीं, चीनी सेना पैंगोंग सो, दौलत बेग ओल्डी, डेमचोक जैसे क्षेत्रों में तो अपने मोर्चे पर डटी थीं।
 

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