19 पूर्व विधायक, 15 मंत्री खाली करें आवास, वर्ना सामान होगा बाहर

भोपाल। विधानसभा चुनाव में हारने के बाद 19 पूर्व विधायकों और 15 मंत्रियों ने अब तक विधायक विश्राम गृह में खुद को आवंटित आवास रिक्त नहीं किए हैं। इससे नए विधायकों को आवास आवंटित करने के बाद उन्हें रहने की सुविधा नहीं मिल पा रही है। विधानसभा प्रशासन ने इन विधायकों के साथ सख्ती करने की तैयारी शुरू कर दी है और कहा है कि अगर एक दो दिन में स्वेच्छा से आवास खाली नहीं किए जाते तो सामान निकालकर बाहर रख दिया जाएगा। उधर मंत्री बन चुके कई विधायकों के आवासों को लेकर भी इसी तरह की स्थिति बनी हुई है। विधानसभा के 18 फरवरी से शुरू होने वाले सत्र के पहले नए विधायकों ने विधानसभा प्रशासन से विधायक विश्राम गृह में आवास की मांग तेज कर दी है। दिसम्बर में हुए चुनाव में हारने वाले नेताओं को विधानसभा प्रशासन की ओर से अध्यक्षीय पूल और विधायक विश्राम गृह के आवास खाली करने के चार नोटिस दिए जा चुके हैं। बताया जाता है कि बच्चों की पढ़ाई और एक हफ्ते में खाली करने का आश्वासन देने के बाद विधायक आवास रिक्त नहीं कर रहे हैं। जिन पूर्व विधायकों ने आवास रिक्त नहीं किए हैं, उनमें यादवेंद्र सिंह, सुखेंद्र सिंह बन्ना, विजय सिंह सोलंकी, रमेश पटेल, संजीव उइके आरके दोगने, सुंदरलाल तिवारी, निशंक जैन, मोती कश्यप, रणजीत सिंह गुणवान, भंवर सिंह शेखावत, महेंद्र सिंह यादव, चंदा गौर, उषा चौधरी शामिल हैं। इसके अलावा पूर्व विधायक रजनीश सिंह, नरेंद्र सिंह कुशवाह, सरताज सिंह, रामनिवास रावत, मधु भगत अध्यक्षीय पूल के आवास हैं जो बंगले के रूप में हैं। इनके कारण नए विधायकों को पजेशन देने में दिक्कत आ रही है।

विश्राम गृह में मंत्रियों के भी आवास खाली नहीं
पिछली विधानसभा के सदस्य रहे जो विधायक इस बार मंत्री बन चुके हैं। उनके आवास भी खाली नहीं हो सके हैं। इनके पास विधानसभा अध्यक्षीय पूल व विधायक विश्राम गृह के आवास हैं। इनके भी आवास खाली नहीं होने से नए सदस्यों को पजेशन नहीं मिल पा रहा है। इनके आवास इसलिए नए सदस्यों को आवंटित किए गए हैं क्योंकि अब इन्हें शासन ने बंगले आवंटित कर दिए हैं।

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